नागपुर में खपाई जा रही गर्भपात की दवाई, बेहिसाब हो रही बिक्री

Abortion medicine being consumed in Nagpur, unaccounted sales
नागपुर में खपाई जा रही गर्भपात की दवाई, बेहिसाब हो रही बिक्री
नागपुर में खपाई जा रही गर्भपात की दवाई, बेहिसाब हो रही बिक्री

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर व आसपास के क्षेत्रों में गर्भपात कराने की दवाओं की बेहिसाब बिक्री की जा रही है। नियमों की कोई परवाह नहीं की जाती। महिलाओं की जान को खतरे मेें डालकर किए जा रहे इस गोरखधंधे में लाइसेंसी दवा दुकानदार भी लिप्त हैं। दवाएं खपाने के लिए बाकायदा एक नेटवर्क काम करता है, जिसमें जरूरतमंदों को तलाशने से लेकर दुकानों तक पहुंचाने के लिए कमीशन एजेंट नियुक्त हैं। दवाएं भी एक दो नहीं, बल्कि पूरी किट के रूप में दी जाती है। गारंटी तक दी जा रही है कि कितने समय में सलामती के साथ गर्भपात हो जाएगा। किट के एवज में मनमान रुपए वसूले जाते हैं। इस रैकेट की जानकारी शहर के अन्न व औषधि प्रशासन विभाग को लगी। उन्होंने मामले की पुष्टि के लिए डमी ग्राहक बनाकर कुछ लोगों को दुकानों पर भेजा, तो इसका खुलासा हुआ। हालांकि इसकी तह तक पहुंचने की जांच चल रही है, मामला पुलिस को भी सौंपा गया है।

नागपुर व वर्धा में छापेमारी : अन्न व औषधि प्रशासन विभाग नागपुर के दस्ते ने नागपुर व वर्धा की दवा दुकानों में छापेमारी की। 2 दिन में 3 दुकानों से इस गोरखधंधे का राज खुला है। 6 जुलाई को सुरगुरु मेडिकल एंड जनरल स्टोर्स चंदन नगर, हार्दिक इंटरप्राइजेस मेडिकल चौक व 7 जुलाई को सतनाम ट्रेडर्स जनरल स्टोर्स हिंगनघाट जिला वर्धा में छापामार कार्रवाई की गई। सहायक आयुक्त पी. बल्लाड के मार्गदर्शन में निरीक्षक नीरज लोहकरे, एस. ताजी व सतीश चव्हाण ने कार्रवाई के दौरान कई चौंकाने वाली जानकारी पाई। तीनों दुकानों से गर्भपात कराने वाली दवाओं के अलग-अलग किट बरामद किए गए हैं। सुरगुरु मेडिकल से परमिपिल किट, हार्दिक से रिमूव किट व सतनाम ट्रेडर्स से क्लियर नामक किट बरामद की गई है।

किट तैयार करने वाला गिरोह : संदेह है कि गर्भपात दवाओं का किट तैयार करने वाला गिरोह सक्रिय है। इन दवाओं को एमटीपी किट अर्थात मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी के नाम से बेचा जाता है। प्रशासन की अनुमति के बिना एमटीपी किट नहीं बेच सकते, लेकिन अवैध बिक्री में लिप्त दुकानदार नियम की परवाह नहीं करते हैं। दो-तीन दवाओं को मिलाकर अवैध तरीके से गर्भपात किट तैयार कर ली जाती है। इनका नाम अपने-अपने हिसाब से रख लिया जाता है। 

ये हैं नियम : प्रसूति पीड़ा हो तो चिकित्सक के मार्गदर्शन में  गर्भपात की सलाह दी जाती है। विशेष स्थिति में प्रशासन या न्यायालय से अनुमति लेकर गर्भपात कराया जाता है। गर्भपात दवाओं की किट के लिए पंजीकृत चिकित्सक की पर्ची आवश्यक होती है। दवा विक्रेताओं को किट बिक्री का लेखा-जोखा रखना होता है। किट किसे, कब और क्यों बेची गई, इस बारे में रिकॉर्ड रखना होता है, लेकिन अवैध बिक्री में किसी नियम की परवाह नहीं की जाती है। 

कड़ी कार्रवाई होगी : आरोपी दुकानदारों के विरुद्ध संबंधित पुलिस थानों में एफआईआर दर्ज कराई गई है। यह कारोबार निश्चित ही संगठित तौर पर किया जा रहा है। छापामार कार्रवाई के लिए 5 से 6 दिन तक योजना बनानी पड़ी। फर्जी ग्राहक दुकानों में भेजे गए। आरोपी दुकानदारों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई होगी। पी. बल्लाल, सहायक आयुक्त, अन्न व औषधि प्रशासन विभाग, नागपुर

दुकानदारों की मनमानी... 600 की किट 2000 में : आमतौर पर इन दवाओं का किट 600 रुपए में उपलब्ध है। प्रसूति विशेषज्ञ की सलाह व पर्ची के आधार पर ही किट उपलब्ध कराई जाती है, लेकिन अवैध तरीके से तैयार की गई किट 2000 रुपए या उससे अधिक दाम में बेची जाती है। अवैध संबंधों के कारण गर्भवती हुई युवतियों पर विशेष नजर रहती है। ऐसे ग्राहकों से हजारों रुपए वसूले जाते हैं। नागपुर में जिन 2 दुकानों में छापेमारी हुई, वह मेडिकल अस्पताल के नजदीक हैं।
 

Created On :   10 July 2021 3:12 PM IST

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