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घूसखोरी के मामले में आरोपियों को सजा दिलाने में फिसड्डी एसीबी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। घूस लेने वालों को रंगेहाथ पकड़ने का दावा करने वाली भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) अदालतों में इसे साबित करने में लगातार फिसड्डी साबित हो रही है। आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले पांच सालों में पांच हजार से ज्यादा मामले में भ्रष्टाचार के आरोप में कार्रवाई हुई लेकिन इस दौरान एसीबी को सिर्फ 362 मामलों में 427 आरोपियों को सजा दिलाने में सफलता मिली। यही नहीं भ्रष्टाचार के खिलाफ की जा रही कार्रवाई में भी लगातार कमी आ रही है।
एसीबी की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों और सूचना के अधिकार तहत मिली जानकारी के मुताबिक महकमें ने 2014 से अब तक भ्रष्टाचार के 5085 मामलों में कार्रवाई की लेकिन इसी दौरान अदालतों में सिर्फ 362 मामलों में दोष साबित किया जा सका है। इस दौरान दोषी ठहराए गए 427 लोगों पर एक करोड़ 33 लाख रुपए से ज्यादा का जुर्माना भी लगाया गया। एसीबी ने साल 2014 में भ्रष्टाचार के सबसे ज्यादा 1316 मामलों में कार्रवाई की थी। इसके बाद से कार्रवाई में लगातार गिरावट आ रही है।
इस साल अब तक एसीबी ने 549 मामलों में कार्रवाई की है। जानकारों के मुताबिक केंद्र सरकार द्वारा भ्रष्टाचार निरोधक कानून में किए गए बदलाव से भ्रष्ट सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई और मुश्किल हो जाएगी। RTI कार्यकर्ता शकील शेख के मुताबिक एक ओर दोषसिद्धी की दर बेहद कम है दूसरी ओर केंद्र सरकार भ्रष्टाचार से जुड़े कानून में बदलाव कर रही है जिससे सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई से पहले संबंधित विभागों से मंजूरी जरूरी होगी।
कानून में यह बदलाव भ्रष्टाचारियों के लिए ढाल का काम कर सकती है। इसके अलावा घूस देने पर सजा के प्रावधान चलते घूस देकर अपना काम कराने वाले बाद में इसकी शिकायत नहीं करेंगे।
साल कार्रवाई दोषसिद्धि (मामले) सजा (आरोपी)
2018 549 36 43
2017 925 54 62
2016 1016 91 107
2015 1279 120 139
2014 1316 61 76
Created On :   7 Aug 2018 8:55 PM IST