तस्वीरों के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रखी सुकली कम्पोस्ट डिपो की वास्तविक स्थिति

Actual status of Sukli compost depot placed before the Supreme Court through photographs
तस्वीरों के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रखी सुकली कम्पोस्ट डिपो की वास्तविक स्थिति
13 फरवरी को होगी अंतिम सुनवाई  तस्वीरों के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रखी सुकली कम्पोस्ट डिपो की वास्तविक स्थिति

डिजिटल डेस्क, अमरावती। वर्ष 2009 से लेकर तो वर्ष 2019 तक सुकली कम्पोस्ट डिपो से होनेवाले प्रदूषण के चलते केंद्रीय हरित लवाद ने मनपा पर 47 करोड़ 23 लाख रुपए का जुर्माना ठोका था। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने स्थगनादेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट के स्थगनादेश के बाद भी सुकली कम्पोस्ट डिपो से होनेवाले प्रदूषण को रोकने मनपा विफल होने से मामले में प्रतिवादी गणेश अनासाने ने बुधवार 11 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में एक वर्ष से फेंके गए मृत जानवर, जैववैद्यकीय कचरा और कम्पोस्ट डिपो में लगी आग की घटनाओं की जानकारी सचित्र न्यायमूर्ति के सामने रखी। इस पर मनपा के वकीलों ने अपना पक्ष रखने दो सप्ताह का समय मांगने से न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी ने मामले पर 13 फरवरी को अंतिम सुनवाई निश्चित की।

जानकारी के अनुसार सुकली कम्पोस्ट डिपो से होनेवाले प्रदूषण को लेकर स्थानीय पर्यावरण प्रेमी गणेश अनासाने ने वर्ष 2009 में केंद्रीय हरित लवाद में शिकायत की थी, जिसे केंद्रीय हरित लवाद के पुणे स्थित कार्यालय ने गंभीरता से लेते हुए 2009 से वर्ष 2019 तक कंपोस्ट डिपो के प्रदूषण पर मनपा द्वारा रोक नहीं लगाने से केंद्रीय हरित लवाद ने मनपा पर 47 करोड़ 23 लाख रुपए का जुर्माना ठोका था।  केंद्रीय हरित लवाद के जुर्माने पर स्थगनादेश लाने के लिए मनपा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर  की थी । 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने मनपा को राहत देते हुए जुर्माने पर स्थगनादेश दिया था। मनपा द्वारा ने सुप्रीम कोर्ट में यह मामला रखते समय याचिकाकर्ता गणेश अनासाने को प्रथम प्रतिवादी, जिलाधीश को द्वितीय प्रतिवादी व महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को तृतीय प्रतिवादी बनाया था। मामले पर फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। 

मनपा ने मांगा दो सप्ताह का समय 
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के समय प्रतिवादी ने वर्तमान स्थिति को अलग रखकर प्रदूषण के मुद्दे पर सुनवाई की इच्छा जताई। किंतु मनपा के वकील ने सुको में कहा गया कि प्रतिवादी ने जो सचित्र फोटो पेश कर दलील दी हैं उस पर अपना पक्ष रखने मनपा को दो सप्ताह का समय देना चाहिए। किंतु प्रतिवादी का कहना रहा कि उन्हें बार-बार अमरावती से दिल्ली के चक्कर लगाने पड़ते लेकिन मनपा ठोस भूमिका रखने की स्थिति में नहीं है। जिससे ज्यादा समय न देते हुए इस पर निर्णय होना चाहिए। आखिरकार प्रतिवादी की सुविधा के अनुसार सुको ने दो सप्ताह का समय देकर 13 फरवरी को सुनवाई तय की। 

जिलाधीश ने लिया कंपोस्ट डिपो का जायजा  
स्थानीय सुकली कंपोस्ट डिपो से होनेवाले प्रदूषण को लेकर केंद्रीय हरित लवाद में तथा सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मुकदमे के बीच शुक्रवार को शाम 5 बजे जिलाधीश पवनीत कौर और मनपा आयुक्त प्रवीण आष्टीकर ने कंपोस्ट डिपो में चल रहे बायोमाइनिंग प्रकल्प को भेंट देकर उसकी जानकारी ली। इस समय उपायुक्त सीमा नैताम, शहर अभियंता इकबाल खान भी उपस्थित थे।  
 

Created On :   14 Jan 2023 5:25 PM IST

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