अडानी और अन्य उद्योग चिकित्सा संसाधन में करें मदद 

Adani and other industries should help in medical resources
अडानी और अन्य उद्योग चिकित्सा संसाधन में करें मदद 
अडानी और अन्य उद्योग चिकित्सा संसाधन में करें मदद 

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर समेत अन्य जिलों में कोरोना से निपटने के नाकाफी इंतजाम को देखते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ के दरवाजे भी खोले गए। न्या.सुनील शुक्रे और न्या.अविनाश घारोटे की खंडपीठ ने सुनवाई में नागपुर समेत विदर्भ भर के मरीजों के लिए पर्याप्त बेड, रेमडेसिविर, ऑक्सीजन व अन्य मुद्दों पर राज्य सरकार और प्रशासन से जवाब मांगा। इतना ही नहीं, यह मत भी व्यक्त किया कि विदर्भ के उद्योगों को अपने सामाजिक दायित्व का परिचय देते हुए सीएसआर फंड से प्रशासन और राज्य सरकार की मदद करनी चाहिए।

गोंदिया के तिरोडा में भी अडानी पॉवर का थर्मल प्लांट है। ऐसे में अडानी समूह अपने सीएसआर फंड से गोंदिया जिले की मदद कर सकता है। हाईकोर्ट ने गोंदिया जिलाधिकारी को कंपनी से समन्वय स्थापित करने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा हाईकोर्ट ने नागपुर जिलाधिकारी को एनटीपीसी और महाजेनको से भी सीएसआर फंड से निधि देने के लिए संवाद स्थापित करने को कहा है। हाईकोर्ट ने नागपुर और अमरावती विभागीय आयुक्त को उनके क्षेत्र के उद्योगों से इस प्रकार का संवाद स्थापित करके संसाधन जुटाने के आदेश दिए हैं। 

नागपुर में ऐसी स्थिति 
नागपुर के मेयो, मेडिकल और एम्स में ऑक्सीजन प्लांट के लिए डब्ल्यूसीएल ने 2 करोड़ 5 लाख रुपए का चेक नागपुर जिलाधिकारी को जारी कर दिया है। वहीं, 11.88 करोड़ रुपए का प्रस्ताव भी कोल इंडिया लिमि. को भेजा है। इसी तरह मॉयल ने भी अपने फंड से 2.5 करोड़ रुपए की मदद करने का फैसला लिया है। हाईकोर्ट ने मॉयल को 1 करोड़ रुपए और देने पर सकारात्मक विचार करने के आदेश दिए हैं। 

मनपा-जिलाधिकारी मिलकर जुटाएं सुविधा
हाईकोर्ट ने नागपुर मनपा आयुक्त और जिलाधिकारी को मिलकर चिकित्सा सुविधाओं की मॉनिटरिंग के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट ने कहा है कि दोनों विभागों को मिलकर कोविड कंट्रोल रूम का संचालन करना होगा। अस्पतालों में बेड, दवाओं और ऑक्सीजन की 24 घंटे आपूर्ति दोनों विभागों की साझा जिम्मेदारी है। मामले में एड.श्रीरंग भंडारकर न्यायालयीन मित्र हैं। मनपा की ओर से एड.सुधीर पुराणिक, मध्यस्थी अर्जदारों की ओर से एड.एम.अनिल कुमार, एड.तुषार मंडलेकर व अन्य अधिवक्ताओं ने पैरवी की। 

रेमडेसिविर उत्पादक सभी 7 कंपनियों को बनाया प्रतिवादी
रेमडेसिविर उत्पादन करने वाली 7 कंपनियों   को हाईकोर्ट ने मामले में प्रतिवादी बना कर नोटिस जारी किया है। साथ एफडीए को आदेश दिए हैं कि वे कंपनियों के स्थानीय एजेंट, वितरकों और स्टॉकिस्ट की मदद से नोटिस तामिल करें। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि जब तक राज्य सरकार को निर्धारित कोटे की आपूर्ति नहीं की जाती, कोई भी फार्मा कंपनी निजी व्यक्ति या संस्था को रेमडेसिविर न बेचें, केवल केंद्र और राज्य द्वारा निर्धारित प्रणाली के आधार पर ही इसकी आपूर्ति करें। इसका उल्लंघन करने वाली फार्मा कंपनियों पर आपराधिक मामला चलाने के आदेश एफडीए को दिए गए हैं। मामले में विदर्भ इंडस्ट्रीज एसाेसिएशन को प्रतिवादी बना कर पूछा गया है कि उनके किन-किन सदस्य उद्योग इकाईयों के पास ऑक्सीजन सिलेंडर  है  और ऑक्सीजन उत्पादन का इंफ्रास्ट्रक्चर है?

केंद्र फैसले पर पुनर्विचार करे
केंद्र सरकार ने 1 से 9 मई के तक महाराष्ट्र के लिए 374500 रेमडेसिविर इंजेक्शन का कोटा तय किया है। यह पिछली बार से 60500 कम है। प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या देखते हुए हाईकोर्ट ने केंद्र को अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट ने प्रदेश में कोरोना मरीजों के अनुपात के आधार पर रेमडेसिविर का कोटा तय करने के आदेश केंद्र सरकार काे दिए हैं। मामले की सुनवाई 5 मई को रखी गई है।   

Created On :   3 May 2021 5:42 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story