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बाढ़ से निपटने प्रशासन अलर्ट, पड़ोसी राज्यों से लेंगे मदद

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य के कई हिस्सों में आई बाढ़ की त्रासदी को देखते हुए जिलाधीश विमला आर. ने आपदा प्रबंधन टीम को 24 घंटे सतर्क रहने को कहा है। नदी-नाला, बांध व तालाब आेवरफ्लो न हो, इसका विशेष ध्यान रखने को कहा। बारिश को देखते हुए पड़ोसी राज्यों से भी निरंतर संपर्क बनाया हुआ है। जिले में तोतलाडोह, नवेगाव खैरी, खिंडसी, नांद, वडगाव यह 5 बड़े प्रकल्पों के अलावा 12 मध्यम तथा 60 लघु सिंचाई प्रकल्प हैं। मध्य प्रदेश के चौराई बांध से छोड़ा जाने वाला पानी तोतलाडोह बांध में आता है। बाढ़ जैसे हालात से निपटने के लिए प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है।
विभागीय व अंतरराज्यीय समन्वय समिति की बैठक में आपदा से किस तरह निपटा जाए, इसकी रणनीति पर चर्चा हुई है। आपदा के दौरान लोग 0712-256266 या टोल फ्री 1077 पर नियंत्रण कक्ष में संपर्क कर सकते हैं। तहसील व गांव स्तर पर भी आपदा प्रबंधन के लिए स्थानीय लोगों की तथा अशासकीय संस्था व शासकीय अधिकारियों की टीमें तैयार की गई हैं। बाढ़ से बचाव के लिए जरूरी मनुष्यबल व सामग्री जिला प्रशासन के पास उपलब्ध है। 10 रबर बोट राज्य सरकार से मिली है। जिले में बाढ़ संशयित 381 गांवों में आश्रयस्थल, लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के मार्ग आदि का निरीक्षण हुआ है। भारी बारिश में खतरे वाले ठिकानों पर सूचना फलक लगाए गए हैं। हेलीपैड के लिए जगह का निरीक्षण किया गया है।
वाट्सएप ग्रुप भी बनाया गया है।
छिंदवाड़ा जिले के चौराई बांध से पानी छोड़ने पर तोतलाडोह बांध में पानी जमा होता है। चौराई से यहां तक पानी आने में 22 से 24 घंटे लगते हैं। तोतलाडोह बंाध से नवेगाव खैरी बांध में पानी आने में 3 से 4 घंटे व नवेगाव खैरी से पेंच व कन्हान के बीना संगम में आने में 5-6 घंटे का समय लगता है। यहां से मौदा होकर गोसीखुर्द प्रकल्प में जाने को 8 से 10 घंटे का समय लगता है। गत वर्ष के अनुभव को देखते हुए जिला प्रशासन इस बार विशेष एहतियात बरत रहा है। तोतलाडोह व गोसीखुर्द पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सामान्य लोगों को भी इसकी जानकारी दी जा रही है।
Created On :   28 July 2021 10:01 AM IST