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कोराेना योद्धाओं की भर्ती करने वाली कंपनियों को प्रशासन ने नहीं दिए 5 करोड़

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना काल में शासकीय अस्पतालों में मनुष्य बल कम होने के कारण ठेका पद्धति पर भर्ती की गई थी। इसमें इंदिरा गांधी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल (मेयो) और शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल मेडिकल में 200 से ज्यादा कर्मचारियों की भर्ती की थी। इसके लिए 3 कंपनियों काे कार्य दिया गया था। प्रशासन की ओर से इन कंपनियों को समय पर भुगतान नहीं किया गया। इन कंपनियों काे प्रशासन ने अब तक करीब 5 करोड़ रुपए नहीं दिए हैं।
मेयो-मेडिकल के चक्कर लगा रहे प्रतिनिधि : कोरोना के पहली और दूसरी लहर में सबसे बड़ी परेशानी स्टाफ की कमी थी। इसके लिए प्रशासन ने ठेका पद्धति पर कई स्वास्थ्यकर्मियों की नियुक्ति की गई थी। यह नियुक्ति का कार्य तीन निजी कंपनियों को सौंपा गया था। इन कंपनियों ने मेयो और मेडिकल अस्पताल में करीब 200 कर्मचारियों की नियुक्ति की गई। इसमें परिचारिकाएं और सफाई कर्मचारी शामिल हैं। कोरोना की दाेनों लहरों ने कर्मचारियों ने काेरोना योद्धा की तरह काम किया। इसके बावजूद प्रशासन की ओर से भुगतान नहीं करने के कारण कर्मचारियों को भी समय पर वेतन नहीं मिल पा रहा था। इस समस्या को हल करने के लिए कंपनी ने कर्ज लेकर कर्मचारियों को वेतन दिया। लेकिन कंपनी को अब तक प्रशासन ने रुपए नहीं दिए हैं। इस संदर्भ में कंपनी के प्रतिनिधि मेयो और मेडिकल के चक्कर लगा रहे हैं।
मेडिकल का 3 और मेयो का 2 करोड़ बकाया : तीन कंपनियों से मेडिकल में 120 और मेयो में 60 कर्मचारी की नियुक्ति की थी, जो अब भी कार्यरत हैं। मेडिकल के कर्मचारियों के वेतन का 3 करोड़ और मेयो का 2 करोड़ का भुगतान बाकी है। इस विषय कंपनी के प्रतिनिधियों ने मेडिकल प्रशासन से बात की, जिस पर उन्होंने कहा कि यह नियुक्ति जिला प्रशासन की ओर से की गई थी। इस पर हम कुछ नहीं कर सकते।
Created On :   26 July 2021 3:22 PM IST