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MBBS में एडमिशन : मॉप-अप राउण्ड में हुए सभी 94 एडमीशन हाईकोर्ट ने रद्द किए

डिजिटल डेस्क जबलपुर । मॉपअप राउण्ड में नियमों को ताक पर रखकर एमबीबीएस कोर्स में हुए सभी 94 एडमीशन हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिए हैं। ये सभी एडमीशन आखिरी तारीख पर आधी रात को 80 से 90 लाख रुपए में अयोग्य छात्रों को दिए गए थे। मामलों पर अपना फैसला देते हुए जस्टिस आरएस झा और जस्टिस राजीव कुमार दुबे की युगलपीठ ने सरकार की ओर से दी गई वह दलील नकार दी, जिसमें छात्रों के हो चुके एडमीशनों को निरस्त न करने की प्रार्थना की गई थी। युगलपीठ ने कहा- च्यदि गलत तरीकों से हुए एडमीशनों को निरस्त न करना एक तरह से गलती का राजीनामा (कंपाउण्डिंग) होगा। साथ ही ऐसा राजीनामा उन काबिल छात्रों के लिए न्याय प्रशासन की प्रक्रिया की विफलता साबित होगा। अपने 87 पन्नों के फैसले में युगलपीठ ने साफ किया है कि एडमीशन निरस्त करने वाला आदेश उन छात्रों पर लागू नहीं होगा, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट से स्टे मिला है।
युगलपीठ ने यह फैसला सांईश्री सूरी व अन्य की ओर से दायर 5 याचिकाओं पर शुक्रवार को दिया। इन सभी याचिकाकर्ताओं को नीट 2017 में उन्हें अच्छे अंक मिले थे और प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में दाखिला मिलने की उन्हें पूरी उम्मीद थी, क्योंकि वे मप्र के ही मूल निवासी थे। याचिकाकर्ताओं का आरोप था कि 10 सितम्बर 2017 की रात्रि 12 बजे तक चयनित छात्र कॉलेज में पहुंचकर दाखिला ले सकते थे, लेकिन इसकी अंतिम सूची आवेदकों का कहना है कि चयनित छात्रों की सूची 10 सितम्बर की शाम साढ़े सात बजे जारी हुई और चयनित छात्रों को सैकड़ों किलोमीटर दूर स्थित कॉलेज 12 बजे तक पहुंचने कहा गया। चयनित छात्रों के न पहुंचने पर प्राइवेट मेडीकल कॉलेजों ने रात्रि 12 बजे से पहले सीटें 80 से 90 लाख रुपए में अयोग्य छात्रों को बेच दीं गईं।
इसमें संबंधितों को शिकायतें देने के बाद भी कोर्ई कार्रवाई न होने पर ये याचिकाएं दायर की गईं थीं।
मामलों पर अपना फैसला देते हुए युगलपीठ ने निजी मेडिकल कॉलेज में दिए गए सभी 94 एडमीशनों को निरस्त कर दिया। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी ने पैरवी की।
Created On :   23 March 2018 8:11 PM IST