- Home
- /
- बालिग लड़की अपनी मर्जी से कर सकती...
बालिग लड़की अपनी मर्जी से कर सकती है विवाह

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने अपने हालिया आदेश में कहा है कि यदि बालिग लड़की अपनी मर्जी से किसी युवक से विवाह करती है और इस विवाह से खुश है, तो कोर्ट इस मामले में दखल नहीं दे सकता। इस निरीक्षण के साथ न्या. रोहित देव की खंडपीठ ने नागपुर अतिरिक्त सत्र न्यायालय द्वारा दिए उस आदेश को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है, जिसमें निचली अदालत ने युवती की कस्टडी उसके सौतेले पिता को सौंपने के आदेश दिए थे। 6 अक्टूबर 2018 को शहर के लकड़गंज पुलिस ने गंगा-जमुना बस्ती में छापा मारा था। तब अन्य वारांगनाओं के साथ पीड़िता भी पकड़ी गई थी। उस वक्त पीड़िता की उम्र 18 वर्ष से कम थी। ऐसे में उसे शहर के करुणा महिला छात्रावास में रखा गया था। समय आगे बढ़ता गया और किशोरी बालिग हो गई। इधर, उसके सौतेले पिता ने सत्र न्यायालय में अर्जी दायर करके लड़की की कस्टडी मांगी थी। सत्र न्यायालय ने इसे मान्य करके छात्रावास अधीक्षक को युवती की कस्टडी पिता को सौंपने के आदेश दिए थे।
हाईकोर्ट ने मां और सौतेले पिता को कस्टडी सौंपने से इनकार किया
पीड़िता ने इस आदेश को हाईकोर्ट मंे चुनौती दी। उसने हाईकोर्ट को बताया कि अब वह बालिग हो चुकी है। उसे एक जगह नौकरी मिल गई है और उसने पसंद के लड़के से शादी भी कर ली है। ऐसे में वह अपनी मां और सौतेले पिता के पास नहीं लौटना चाहती। हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद फैसला दिया कि यदि पीड़िता अपनी माता और सौतेले पिता से संबंध नहीं रखना चाहती, तो उसे ऐसा करने का अधिकार है। युवती के अनुसार वह अपने अतीत को भुला चुकी है। उसने अपनी मर्जी से विवाह कर लिया है और नई जिंदगी में वह खुश है। ऐसे में न्या.रोहित देव की खंडपीठ ने कहा कि युवती को अपनी मर्जी से अपने जीवन के फैसले लेने के अधिकार है। उक्त निरीक्षण के साथ निचली अदालत का फैसला खारिज कर दिया है।
Created On :   4 March 2021 11:21 AM IST