न्यायिक हिरासत में भेजे गए वकील गुणरत्न सदावर्ते

Advocate Gunaratna Sadavarte sent to judicial custody
न्यायिक हिरासत में भेजे गए वकील गुणरत्न सदावर्ते
आपत्तिजनक टिप्पणी का मामला न्यायिक हिरासत में भेजे गए वकील गुणरत्न सदावर्ते

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार के मुंबई स्थित घर के बाहर प्रदर्शन से जुड़े मामले में आरोपी अधिवक्ता गुणरत्न सदावर्ते को अब सतारा की स्थानीय कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत  में भेज दिया है।  पिछले सप्ताह पुलिस ने सदावर्ते को मराठा आरक्षण के संबंध में साल 2020 में  जारी प्रदर्शन को लेकर कथित रूप से आपत्तिजनक भाषा के इस्तेमाल से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने इससे पहले इस मामले में सदावर्ते को 18 अप्रैल तक के लिए पुलिस हिरासत में भेजा था। सदाव्रते की हिरासत अवधि सोमवार को खत्म हो रही थी। इसलिए उसे कोर्ट में पेश किया गया। इस दौरान मैजिस्ट्रेट ने पुलिस के हिरासत आवेदन पर गौर करने के बाद सदावर्ते को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद पुलिस सदावर्ते को दोबारा मुंबई ला रही है।

एक शख्स ने मराठा आरक्षण को लेकर टीवी चैनल के सामने आपत्ति जनक बात कहने के लिए सदावर्ते के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। इसके अधार पर सतारा पुलिस ने सदावर्ते के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। गौरतलब है कि एसटी महामंडल के हड़ताली कर्मचारियों का हाईकोर्ट में पक्ष रखने वाले सदावर्ते को पहले राकांपा प्रमुख पवार के घर के बाहर कर्मचारियों के प्रदर्शन के बाद गिरफ्तार किया गया था। 

सदावर्ते की पत्नी जयश्री को कोर्ट ने दी अंतरिम राहत
इधर मुंबई सत्र न्यायालय ने अधिवक्ता सदावर्ते की पत्नी जयश्री पाटील को रांकापा प्रमुख के घर सिल्वर ओक से बाहर प्रदर्शन से जुड़े मामले में गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी है। कोर्ट ने 29 अप्रैल तक पाटील की गिरफ्तारी पर रोक लगाई है। मामले में गिरफ्तारी की आशंका को देखते हुए पाटील ने कोर्ट में अग्रिम जमानत आवेदन दायर किया था। न्यायाधीश आर.एन सदरानी के सामने पाटील के जमानत आवेदन पर सुनवाई हुई। इस दौरान सरकारी वकील ने कहा कि जिस मामले में पाटील को आरोपी बनाया गया है  वह काफी संवेदनशील मामला है। इस मामले की जांच अभी जारी है। इसलिए पाटील को किसी प्रकार की राहत न दी जाए। इसके अलावा पाटील ने अब तक अपने जमानत आवेदन की प्रति पुलिस को नहीं दी है। वहीं पाटील की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता निरंजन मुंदरगी ने कहा कि पाटील ने अपने आवेदन की प्रति पुलिस के पास भेजी थी लेकिन उसे स्वीकार नहीं किया गया। प्रकरण को लेकर शुरुआत में दर्ज की एफआईआर में पाटील का नाम नहीं था। सदावर्ते के तीसरे हिरासत आवेदन के बाद पाटील का नाम एफआईआर में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि पाटील पर एसटी कर्मचारियों के आंदोलन से आर्थिक लाभ लेने का आरोप है। इस मामले को लेकर पुलिस को दूसरा मामला दर्ज करना चाहिए था। एफआईआर में तकनीकि खामी है। इन दलीलों को सुनने के बाद न्यायाधीश ने पाटील को अंतरिम राहत प्रदान की। 

115 आरोपी एसटी कर्मचारियों ने जमानत के लिए किया आवेदन
इस मामले से जुड़े आरोपी 115 एसटी कर्मचारियों ने कोर्ट में जमानत के लिए आवेदन दायर किया है। 115 में 24 महिला आरोपी है।  ये सारे आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत में है। इन सभी लोगों को अलग-अलग जेल में रखा गया है। बुधवार को इन सभी आरोपियों के जमानत आवेदन पर कोर्ट में सुनवाई हो सकती है। 
 

Created On :   18 April 2022 9:06 PM IST

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