17 वर्ष बाद हुई मनोरोगी की घर वापसी, परिजनों ने समझ लिया था मृत

After 17 years, the psychopaths homecoming was understood by the relatives as dead
17 वर्ष बाद हुई मनोरोगी की घर वापसी, परिजनों ने समझ लिया था मृत
छलक पड़े आंसू 17 वर्ष बाद हुई मनोरोगी की घर वापसी, परिजनों ने समझ लिया था मृत

डिजिटल डेस्क, अमरावती।  अमरावती तहसील के नवलगांव निवासी रानू तान्या बैठेकर (54)   2005 में अचानक घर से निकल गया जिसकी 17 वर्ष बाद वापसी हुई तो परिजनों के खुशी का ठिकाना न रहा। बताया जाता है कि रानू के चले जाने के करीब 12 वर्ष तक परिवार वालों ने उनकी तलाश जारी रखी लेकिन कही सुराग न मिल पाने के कारण आखिरकार परिवार वालों उनहें मृत मानते हुए धार्मिक रीतिरिवाज से  उनकी मृत्यु पश्चात की जाने वाली प्रक्रियाओं को पूरा किया। अचानक 13 वर्ष बाद घरवालों को खबर मिली कि राणू तान्या मध्यप्रदेश के ग्वालियर के गुड़ी गुड़ा में है।  सूचना मिलते ही परिवार वाले हंसीखुशी ग्वालियर पहुंचे।

ग्वालियर स्थित स्वर्गसदन के सामाजिक संस्था संचालक विकास गोस्वामी ने परिवार वालों को बताया कि 5 जून 2020 को उन्हें रानू तान्या पास के रेलवे स्टेशन पर बैठा दिखाई दिया। जिसके बाद वह उसे अपने आश्रम ले आए।  तब से वह वहीं रह रहा है। मानसिक तौर पर अस्वस्थ होने के कारण रानू अपने से जुड़ी जानकारी साझा नहीं कर सका।  किंतु स्थिति थोड़ी बेहतर होने के बाद वह अपने घर, गांव और रिश्तेदारों के बारे में पूछने लगा। तभी इंटरनेट के माध्यम से सूचना मिली कि अमरावती जिले के मेलघाट स्थित नवलगांव का रहने वाला है। आश्रम के रहने वालों को जब यह पता चला कि रानू तान्या नवलगांव का रहने वाला है तो आश्रम के 30 से अधिक अधिकारियों ने नवलगांव का दौरा किया। किंतु उस वक्त उन्हें रानू तान्या के परिवार की कोई सूचना नहीं मिल सकी। आखिरकार 14 फरवरी को परिवार के सदस्यों को यह सूचना मिलने के बाद 17 वर्ष बाद दोबारा परिवार और रानू का मिलन हुआ। 

Created On :   23 Feb 2022 8:00 PM IST

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