34 साल के बाद दूर हुई विकृति, खुशी से खिल उठा युवती का चेहरा

After 34 years, the deformity went away, the girls face blossomed with happiness
34 साल के बाद दूर हुई विकृति, खुशी से खिल उठा युवती का चेहरा
नागपुर डेंटल हास्पिटल में 34 साल के बाद दूर हुई विकृति, खुशी से खिल उठा युवती का चेहरा

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  किसी के चेहरे पर विकृति हो और वह 34 साल बाद दूर हो जाए, तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहता। शासकीय दंत महाविद्यालय में उपचार के लिए आई एक युवती के चेहरे पर गुरुवार को ऐसी ही खुशी देखने को मिली। बचपन से युवती के नीचे के जबड़े का विकास नहीं हुआ था। परिजनों की लापरवाही और आर्थिक हालात के चलते उसका उपचार नहीं हो पाया था। दंत महाविद्यालय में उपचार के लिए आई तो उसका उपचार सफल हुआ।

उम्र के साथ बढ़ी थी विकृति
प्राप्त जानकारी के अनुसार लातूर जिले की रेखा सूर्यवंशी (34) जन्म से ही एक दर्द लेकर जी रही थी। उसके नीचे का जबड़े का विकास नहीं हो रहा था। परिजनों ने एक-दो अस्पतालों में दिखाया, लेकिन आर्थिक हालात ठीक नहीं होने से उसका उपचार नहीं हो सका। दूसरी तरफ समय रहते उसकी विकृति को गंभीरता से नहीं लिया गया। समय और उम्र के साथ विकृति भी बढ़ने लगी। वैवाहिक परेशानी न हो इसलिए परिजनों ने कुछ अस्पतालों में दिखाया, लेकिन उपचार करने के लिए कोई तैयार नहीं हुआ। अंतत: किसी की सलाह पर युवती नागपुर के शासकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय पहुंची। मुखशल्यशास्त्र विभाग ने जांच के बाद शल्यक्रिया करने का निर्णय लिया।
 
अस्पताल में ही मनाया जन्मदिन

युवती को कॉन्डिलर एजेनेसिस नामक दुर्लभ बीमारी हो चुकी थी। इसका उपचार करने डिस्ट्रैक्शन ऑस्टिओजेनेसिस नामक शल्यक्रिया करनी पड़ती है। दंत चिकित्सा महाविद्यालय की टीम ने सारी जांच के बाद उसके जबड़े की शल्यक्रिया कर डिस्ट्रैकर लगाया। शल्यक्रिया के बाद तीन महीने तक युवती को अस्पताल में ही डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया। अब युवती के चेहरे की विकृति खत्म हो चुकी है। वह इतनी खुश हुई कि गुरुवार को उसने अपना जन्मदिन दंत चिकित्सा महाविद्यालय में ही मनाया। युवती के उपचार के लिए अधिष्ठाता डॉ. अभय दातारकर के मार्गदर्शन में मुखशल्य चिकित्सा शल्यविभाग प्रमुख डॉ. वैभव कारेमोरे, डॉ. शैलेश गाेंडीवकर, डॉ. ज्योति वहाणे, डॉ. सुरेंद्र डावरे, डॉ. अर्चना देशपांडे, डॉ. हेमा अनुकूला, डॉ. महेश पुंड समेत अन्य डॉक्टरों ने सह्योग किया।

गणेश ने 30 साल बाद खाेला मुंह
एक अन्य मामले में छत्तीसगढ़ के बिलासपुर स्थित फादा गांव के निवासी गणेश शाहू की बचपन में दुर्घटना होने से जबड़े के भीतर असाध्य विकृति आ गई थी। इसके कारण वह पूरी तरह से मुंह नहीं खोल पाता था। गणेश की विकृति को 30 साल हो चुके थे। जांच के बाद डॉक्टरों की टीम ने शल्यक्रिया करने का निर्णय लिया। शल्यक्रिया के बाद गणेश पूरी तरह स्वस्थ है। उसका मुंह खुलने लगा है। 
 

Created On :   7 Jan 2022 4:13 PM IST

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