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नागपुर: सवा महीने बाद प्रापर्टी की खरीदी-बिक्री का काम शुरू
डिजिटल डेस्क, नागपुर। लॉकडाउन के कारण पिछले सवा महीने से बंद पड़ा प्रापर्टी की खरीदी-बिक्री का व्यवहार सोमवार से शुरू हो गया। जिला प्रशासन ने शहर व ग्रामीण में स्थित जिला सह निबंधक कार्योलयों को खरीदी-बिक्री से संबंधित व्यवहार करने की अनुमति देने के अलावा कंटोनमेंट एरिया के लोगों को इससे दूर रहने को कहा है। स्टैंप ड्यूटी (मुद्रांक शुल्क) ऑनलाइन प्रध्दति से भरनी हाेगी। कोरोना संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार ने सह निबंधक व दुय्यम निबंधक कार्यालय में खरीदी-बिक्री (रजिस्ट्री) का कामकाज बंद कर दिया था। लाकडाउन के तीसरें चरण में इसमें रियायत देते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखकर खरीदी-बिक्री (रजिस्ट्री) का कामकाज करने के आदेश दिए। जिला प्रशासन ने शहर स्थित दुय्यम निबंधक कार्यालय क्र. 1 व 4 आैर ग्रामीण क्षेत्रों में सभी दुय्यम व सहायक निबंधक कार्यालयांे को रजिस्ट्री से संबंधित कामकाज शुरू करने के आदेश दिए। कंटेनमेंट एरिया के लोगों को एरिया से बाहर नहीं निकलने का आह्वान किया गया है।
जिले की सभी 13 तहसीलों में कामकाज शुरू
जिले की सभी 13 तहसीलों में प्रापर्टी की रजिस्ट्री का कामकाज शुरू हो गया है। नागपूर ग्रामीण सह जिला निबंधक कार्यालय के तहत आनेवाले दुय्यम निबंधक हिंगणा, कामठी, मौदा, रामटेक, पारशिवनी, कुही, काटोल, कलमेश्वर, नरखेड, उमरेड, भिवापुर व सावनेर में जमीन, फ्लैट, मकान की खरीदी-बिक्री का व्यवहार पूर्ववत शुरू हो गया है। यह जानकारी जिला निबंधक तथा जिलाधिकारी व अध्यक्ष जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण नागपुर की आेर से दी गई है।
सरकार को मिलेगा राजस्व
जमीन, फ्लैट व मकानों की खरीदी-बिक्री के जितने ज्यादा सौदे होंगे, उतना ही सरकार को राजस्व प्राप्त होगा। शहर में करीब 8 फीसदी स्टैंप ड्यूटी ली जाती है, वहीं ग्रामीण में करीब 7 फीसदी स्टैंप ड्यूटी वसूली जाती है। प्रापर्टी का जो मूल्य होता है, उस पर स्टैंप ड्यूटी वसूली जाती है। राजस्व मिलने से ठप पड़ी आर्थिक स्थिति पटरी पर लौट सकती है।
Created On :   4 May 2020 4:07 PM GMT