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रेडियो पर ज्ञानवाणी से होगी कैदियों की परेशानी दूर, 900 से अधिक कैदी कर रहे हैं पढ़ाई

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जेल से बाहर निकलने के बाद कैदियों को जीवन की मुख्यधारा में लाने के लिए सरकार के प्रयास रहते हैं। इसी कड़ी में नागपुर के सेंट्रल जेल में बंद कैदियों के लिए समय-समय पर कई तरह की योजनाएं अमल में लाई जाती रही हैं। जेल में कैदियों के सुधार व पुनर्वसन के लिए कई प्रकल्प शुरू किए गए हैं। इग्नू के माध्यम से कई कैदी उच्च शिक्षा की पढ़ाई भी कर रहे हैं। इन कैदियों के लिए रेडियो काउंसलिंग कार्यक्रम का सेंट्रल जेल में उद्घाटन किया गया। पढ़ाई के समय कोई भी परेशानी होने पर रेडियो उनके लिए मददगार बनेगा। कैदी अपनी समस्या का समाधान हर मंगलवार को सुबह 9 से 10 बजे के दरमियान पा सकेंगे। सेंट्रल जेल में 900 से अधिक कैदी पढ़ाई कर रहे हैं। इसमें से 15 कैदी एमबीए कर रहे हैं। रेडियो पर "ज्ञानवाणी" कार्यक्रम के माध्यम से उनकी समस्याओं पर किए जाने वाले सवालों का जबाब दिया जाएगा।
ये थे उपस्थित
कार्यक्रम का उद्घाटन इग्नू के विभागीय संचालक डॉ. पी. शिवस्वरूप की प्रमुख उपस्थिति में किया गया। उद्घाटन कारागृह उपमहानिरीक्षक योगेश देसाई के हाथों किया गया। इस अवसर पर जेल अधीक्षक रानी भोसले व अन्य जेल के अधिकारी- कर्मचारी उपस्थित थे।
ज्ञानवाणी के तहत फोन पर पूछे प्रश्न
नागपुर मध्यवर्ती कारागृह में "ज्ञानवाणी" का रेडियो प्रसारण हुआ। मंगलवार को बैचलर्स प्रिपरेट्री प्रोग्राम के छात्रों के यह कार्यक्रम लिया गया। रेडियो केंद्र में बैठक कर प्रशिक्षण देने वाले डॉ.श्याम कोरोटी से फोन पर कैदियों ने प्रश्न पूछे। इसमें स्वतंत्रता के बाद भारत में हुए आर्थिक सुधारों, लोकतांत्रित व्यवस्था, अधिकार क्षेत्रों व सामाजिक अध्ययन से जुड़े विषय पर प्रश्न आए।
9 वर्ष पहले शुरू हुआ था जेल में इग्नू का पाठयक्रम
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विद्यापीठ दिल्ली विभागीय कार्यालय नागपुर अंतर्गत सेंट्रल जेल में कैदियों के लिए वर्ष 2009 में इग्नू की स्थापना की गई थी। इस जेल में इससे पहले भी कई कैदी उच्च शिक्षा हासिल कर चुके हैं।
Created On :   9 Jan 2019 12:04 PM IST