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सरकारी कर्मचारी की मौत के बाद भी घूसखोरी के दूसरे आरोपियों पर चल सकता है मुकदमा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। यदि स्पेशल कोर्ट ने घूसखोरी के मामले में आरोप तय कर दिए हैं, तो वह ऐसे मामले में सह आरोपी सरकारी कर्मचारी की मौत के बाद भी दूसरे आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चला सकताी है। बांबे हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में इस बात को स्पष्ट किया है। जस्टिस पीडी नाइक ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि यदि स्पेशल कोर्ट ने घूसखोरी के मामले से जुड़े आरोपियों पर आरोप तय कर दिए है तो वह मुकदमे की सुनवाई कर सकती है और अपना फैसला भी सुना सकती है भले ही ऐसे मामले में आरोपी सरकारी नौकर की मौत हो चुकी हो।
मौजूदा मामले में सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई ने घूसखोरी के मामले में एक डाकिया के साथ तीन अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था। इस बीच डाकिया की मौत हो गई। इसे देखते हुए मामले को सीबीआई कोर्ट से मेट्रोपोलिटिन मैजिस्ट्रेट कोर्ट के पास भेज दिया गया। आरोपियों के वकील ने सीबीआई की विशेष कोर्ट में दावा किया कि अब इस मामले में कोई सरकारी कर्मचारी आरोपी नहीं है, इसलिए स्पेशल कोर्ट इस मामले की सुनवाई नहीं कर सकती है। क्योंकि अब इस प्रकरण में भ्रष्टाचार निरोधक कानून लागू नहीं होगा। आरोपियों के वकील ने स्पेशल कोर्ट के मुकदमा चलाने पर आपत्ति जताई।
इस बीच हाईकोर्ट ने खुद इस मामले का संज्ञान लिया और स्पष्ट किया कि स्पेशल कोर्ट ने इस मामले के आरोपियों पर आरोप तय कर दिया है, इसलिए स्पेशल कोर्ट इस प्रकरण की सुनवाई कर सकती है। भले ही इस मामले से जुडे सरकारी कर्मचारी की मौत हो चुकी है।
Created On :   5 Jun 2018 7:39 PM IST