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महात्मा गांधी के बाद आचार्यश्री ने हथकरघा को स्वावलंबन का प्रतीक बनाया
डिजिटल डेस्क जबलपुर। आचार्यश्री.... जीवन मूल परम्पराओं को पुष्ट करते हुए जीवन जीने के लिए हमें दिशा दे रहे हैं। उन्होंने इस दुनिया में अद््भुतविकल्प खड़े किए हैं। अब हथकरघा को महात्मा गांधी के बाद उन्होंने स्वावलंबन का प्रतीक बना दिया है। जबलपुर प्रवास के दौरान तिलवारा स्थित दयोदय तीर्थ में आचार्यश्री विद्यासागर महाराज के दर्शन के बाद मुख्यमंत्री शिवराज िसंह चौहान ने ये बातें अनौपचारिक चर्चा में कहीं। श्री सिंह ने कहा कि हथकरघा से बनने वाले वस्त्र रेशम को भी मात देते हैं, हमारे प्रदेश की अनेक महिलाएँ खासकर जनजाति बहनें हथकरघा के माध्यम से रोजगार बना रही हैं। उन्होंने ने कहा कि आचार्य श्री ने आर्थिक स्वावलंबन का ये जो नया मार्ग दिखाया है, उसने आत्मनिर्भर भारत के लिए नई दिशा तय कर दी है।
श्री सिंह ने दयोदय तीर्थ में संचालित आयुर्वेद अस्पताल को बड़ी उपलब्धि मानते हुए कहा कि व्यावसायिक शिक्षा और आयुर्वेद आरोग्य के लिए 100 बिस्तर का अस्पताल दयोदय में चल रहा है और जल्द ही 8 सौ बिस्तर का अस्पताल बनेगा। इसमें भारतीय जीवन मूल्यों की शिक्षा का ज्ञान देना, कौशल देना और चरित्र निर्माण करना तीनों सम्मिलित हैं, अद््भुत काम कर रहे हैं आचार्यश्री धन्य हो गया उनके दर्शन करके।
Created On :   5 Sept 2021 11:33 PM IST