मराठा के बाद अब मुस्लिम-धनगर आरक्षण की बारी, फडणवीस ने कहा- जल्द लेंगे फैसला

After Maratha now the turn of Muslim-Dhangar reservation - CM
मराठा के बाद अब मुस्लिम-धनगर आरक्षण की बारी, फडणवीस ने कहा- जल्द लेंगे फैसला
मराठा के बाद अब मुस्लिम-धनगर आरक्षण की बारी, फडणवीस ने कहा- जल्द लेंगे फैसला

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मराठा आरक्षण के बाद अब राज्य सरकार ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर भी सकारात्मक रुख दिखा रही है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विपक्ष की मांग का जवाब देते हुए विधानसभा कहा कि संविधान के मुताबिक धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता लेकिन मुस्लिम समाज की पिछड़ी जातियों को आरक्षण देने पर विचार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह राजनीति का विषय नहीं है बल्कि वस्तुस्थिति है कि मुस्लिम समाज का बड़ा हिस्सा पिछड़ा हुआ है। मुस्लिम समुदाय की पिछड़ी जातियों को किस तरह न्याय दिया जा सकता है इस बारे में वे गटनेताओं के साथ बैठक कर रास्ता निकालने की कोशिश करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुस्लिम समाज में जाति व्यवस्था नहीं है, लेकिन बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं। जिन्होंने पिछड़ी जातियों से धर्म परिवर्तन किया, लेकिन उनकी जातियां वहीं हैं। 52 जातियों को जाति के आधार पर आरक्षण मिला हुआ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगस्त महीने में संविधान में बदलाव के बाद अब किसी भी समाज को आरक्षण तभी दिया जा सकता है जब पिछड़ा आयोग इसकी सिफारिश करे। मुस्लिम आरक्षण का हल निकालने के लिए मुख्यमंत्री ने भी पार्टियों के साथ बैठक का आश्वासन दिया। इससे पहले मुस्लिम समाज को आरक्षण देने की विपक्षी नेताओं की मांग का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने यह बात कही। इससे विधानसभा में विपक्ष के नेता पक्ष नेता राधाकृष्ण विखेपाटील ने सरकार से एक बार फिर मुस्लिम समाज को पिछली सरकार द्वारा दिए गए पांच फीसदी आरक्षण को बहाल करने की मांग की। विखेपाटील ने कहा कि हाईकोर्ट ने शिक्षा में आरक्षण पर रोक नहीं लगाई इसका मतलब उसे स्वीकार किया है। इस दौरान एमआईएम के इम्तियाज जलील और कांग्रेस के नसीम खान ने भी मुस्लिम आरक्षण की मांग की।

आपस में भिड़े इम्तियाज और नसीम खान

मुसलमानों को आरक्षण दिए जाने की मांग करते हुए एमआईएम विधायक इम्तियाज जलील ने कहा कि हमें नाइंसाफी सहने की आदत हो गई है। मराठा समाज की तरह मुस्लिम समाज में भी बड़ी संख्या में लोग पिछड़े हुए हैं। सरकार मुस्लिम समाज का भी एक सर्वे कराकर वास्तविक स्थिति की जानकारी हमें दे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और राकांपा के चलते ही मुस्लिम इस हालत में हैं जलील के इस बयान का सत्ताधारी सदस्यों ने समर्थन किया लेकिन कांग्रेस-राकांपा के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। कांग्रेस के नसीम खान ने इसका विरोध करते हुए कहा कि एमआईएम भाजपा की बी टीम है। वह मतविभाजन कर भाजपा शिवसेना को मदद करती है। नसीम खान ने मुस्लिमों को पिछली सरकार द्वारा दिए गए आरक्षण को बहाल करने की मांग की। वहीं जलील ने पलटवार करते हुए कहा कि अगर कांग्रेस ने सच्चर, रंगनाथन और महमूद रहमान समितियों की सिफारिशें लागू की होती तो आज भाजपा के सामने मुसलमानों को हाथ नहीं फैलाना पड़ता।

Created On :   30 Nov 2018 3:22 PM GMT

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