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पॉलिटेक्निक-इंजीनियरिंग करने के बाद भी नौकरी की गारंटी नहीं, सीटें खाली

डिजिटल डेस्क, नागपुर। देश में रोजगार एक बड़ा संकट है। बावजूद इसके रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने वाले व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के महाविद्यालयों को विद्यार्थी नहीं मिल रहे हैं। नए शैक्षणिक वर्ष में राज्य में सीईटी मार्फत ली गई प्रवेश प्रक्रिया का 31 अगस्त अंतिम दिन था। इस अनुसार, पॉलिटेक्निक व अभियांत्रिकी शाखा में सर्वाधिक रिक्त जगह होने का खुलासा हुआ है। इसका कारण महंगी शिक्षा लेने के बावजूद नौकरी की कोई गारंटी न होना बताया गया है। इसके विपरीत एमबीए, एमसीए, डी.फार्म पाठ्यक्रमों में विद्यार्थियों की भरमार है। विद्यार्थी ज्यादा और सीटें कम पड़ी हैं।
कई बंद होने की कगार पर
कुछ वर्षों में अभियांत्रिकी व पॉलिटेक्निक महाविद्यालयों में प्रवेश क्षमता आधी रह गई है। विभाग में अभियांत्रिकी के 19 हजार 930 जगह है। इसमें से सिर्फ 10 हजार 874 विद्यार्थियों ने प्रवेश पंजीकृत कराया है। 9 हजार 56 जगह रिक्त पड़ी है। पॉलिटेक्निक की इससे भी भयावह स्थिति है। विभाग में 17 हजार 684 जगह में से सिर्फ 5 हजार 753 जगह पर विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है। 11 हजार 177 जगह रिक्त हैं। विभाग के आधे पॉलिटेक्निक महाविद्यालय बंद होने की कगार पर पहुंच गए हैं।
रंग नहीं ला पा रही योजना
सरकार द्वारा कौशल्य विकास व व्यावसायिक पाठ्यक्रमों को प्रोत्साहन देने की योजना है, लेकिन इन पाठ्यक्रमों पर संकट मंडरा रहा है। मुख्य कारण, महंगे पाठ्यक्रम लेने के बावजूद सरकार से नौकरी की गारंटी नहीं मिलना है। वर्षों के संघर्षों के बावजूद प्राइवेट कंपनियों में नाममात्र वेतन पर नौकरी है। इन पाठ्यक्रमों में औषधि निर्माणशास्त्र की अवस्था कुछ सुधरी है। आईटी क्षेत्र में मंदी के कारण एमएसीए पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या भी कम हुई है।
इस तरह है स्थिति
पाठ्यक्रम जगह भरी गई जगह रिक्त जगह
बीई 19,930 10,874 9,056
बी.फार्म 1,140 1091 49
हॉटेल मैनेजमेंट 160 128 32
बी.आर्च 600 565 35
एमबीए 4,134 3,799 335
एमसीए 1,146 381 765
एम.आर्च 60 25 35
एम.फार्म 341 268 73
डी.फार्म 2,143 2,132 11
पॉलिटेक्निक 17,684 5,753 11,177
Created On :   2 Sept 2018 5:46 PM IST