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दो साल बाद बुद्ध पूर्णिमा पर मचान से वन्यजीवों को निहारेगा वन विभाग

डिजिटल डेस्क, नागपुर। इस बार बुद्ध पूर्णिमा को एक बार फिर वन्यजीवों को मचान से देखने का मौका मिलेगा। गत 2 साल से कोरोना के कारण यह प्रक्रिया बंद थी, लेकिन इस बार 16 से 17 मई के बीच वन विभाग की ओर से इसकी व्यवस्था की गई है। एक ओर वन्यजीव प्रेमियों को अद्भुत अनुभव होगा, वहीं दूसरी ओर वन विभाग को जंगलों की सही स्थिति समझने में आसानी होगी। कुछ साल पहले विदर्भ के जंगल में हर साल बुद्ध पूर्णिमा की रात को वन्यजीवों की गणना की जाती थी।
चांद की रोशनी में जलस्रोत के पास पानी पीने आने वाले वन्यजीवों को आसानी से मचान से देखकर उनकी स्थिति को समझना वन विभाग के लिए आसान था। इसके आधार पर किस क्षेत्र में कितने वन्यजीव है, इसकी जानकारी वन विभाग को मिलती थी। मचानों पर उन वन्यजीव प्रेमियों को ठहरने का मौका दिया जाता था, जो यहां रहकर प्राकृतिक अनुभव लेना चाहते थे। विदर्भ में पेंच, ताड़ोबा, बोर, मेलघाट जैसे जंगल क्षेत्र हैं, जहां बड़ी संख्या में वन्यजीव हैं। इसमें बाघ भी शामिल हैं। कई वन्यजीव प्रेमी इस मौके की तलाश में रहते थे, लेकिन 5 साल पहले इस प्रक्रिया को वन्यजीव गणना से हटा दिया गया था, क्योंकि इसके आधार पर वन्यजीव की सटीक गणना नहीं हो पा रही थी।
Created On :   16 April 2022 7:44 PM IST