नागपुर मनपा में फिर तनातनी, आयुक्त व जनप्रतिनिधियों की ठनी

Against tension, commissioners and public representatives in Nagpur nmc
नागपुर मनपा में फिर तनातनी, आयुक्त व जनप्रतिनिधियों की ठनी
नागपुर मनपा में फिर तनातनी, आयुक्त व जनप्रतिनिधियों की ठनी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। एक बार फिर मनपा आयुक्त तुकाराम मुंढे पर जनप्रतिनिधियों ने चौतरफा हमला बोला। आयुक्त की ओर से बुलाई गई बैठक में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के ही नगरसेवकों ने फिर वही पुराना राग अलापा। नगरसेवकों को भरोसे में लेकर निर्णय नहीं लेने से लेकर समन्वय के अभाव तक का मुद्दा जोर-शोर से उठा। नगरसेवकों को मिलने के लिए समय नहीं देने की भी पीड़ा साफ तौर से झलकी। आयुक्त ने सभी जनप्रतिनिधियों की बातें ध्यान से सुनीं और एक-एक का जवाब दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो भी काम कर रहे हैं, सरकार के दिशा-निर्देश पर कर रहे हैं।

भविष्य में समन्वय और सहयोग के साथ काम करने का भरोसा भी दिया। कुछ दिन पूर्व सत्तापक्ष और विपक्ष एक मंच पर आयुक्त के खिलाफ आए थे और अविश्वास प्रस्ताव तक पारित करने की चेतावनी दी थी। उस बैठक में भी कमोबेश यही मुद्दे उठे थे। गुरुवार को मनपा स्थायी समिति सभागार में  शहर की मौजूदा स्थिति पर चर्चा के लिए आयुक्त ने बैठक बुलाई थी। महापौर संदीप जोशी, विधायक प्रवीण दटके, सत्तापक्ष नेता संदीप जाधव, विरोधी पक्षनेता तानाजी वनवे, वरिष्ठ नगरसेवक दयाशंकर तिवारी, प्रफुल गुडधे, आभा पांडे, स्थायी समिति सभापति पिंटू झलके, आयुक्त तुकाराम मुंढे आदि बैठक में शामिल हुए। 

2 महीने से निर्णय की जानकारी नहीं 
कोविड-19 को लेकर जो भी उपाय योजनाएं हो रही है, उसकी जानकारी नगरसेवकों के साथ ही महापौर तक को नहीं मिल रही। प्रशासन का पदाधिकारियों के साथ समन्वय नहीं है। नागरिकों का सामना करते समय नगरसेवकों को मुश्किलें आ रही हैं। प्रशासन और नगरसेवक मिलकर कोरोना से लड़ाई लड़ेंगे।
-संदीप जोशी, महापौर 

नगरसेवक भ्रष्टाचारी हैं तो जांच करें 
नगरसेवक कोई चोर या भ्रष्टाचारी नहीं है। अगर आपको लगता है तो उनकी जांच करें। हमें आपको वापस भेजना नहीं है। यह हमारा धंधा भी नहीं है। नागरिकों की शिकायतों का समाधान होना चाहिए। क्वारेंटाइन सेंटर में दिए जाने वाले भोजन को लेकर खूब शिकायतें हैं। अच्छी सुविधाएं दी जाएं तो लोग खुद क्वारेंटाइन होने को आगे आएंगे।
-प्रवीण दटके, नगरसेवक/विधायक 

सही निर्णय लिए 
जो भी निर्णय लिए, जनता के हित में और सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशानुसार लिए गए। प्रतिबंधित क्षेत्र के निर्णय भी सरकार के दिशा-निर्देशानुसार लिए गए। नागरिकों को हॉटस्पॉट क्षेत्र से क्वारेंटाइन करने के कारण ही कोरोना की चेन तोड़ने में सफलता मिली। भविष्य में प्रत्येक निर्णय की जानकारी  दी जाएगी।  -तुकाराम मुंढे, आयुक्त

डिजास्टर मैनेजमेंट की राशि आई कि नहीं
बारिश शुरू हो गई है। समस्याओं की कमी नहीं है। क्या सरकार से डिजास्टर मैनेजमेंट का पैसा आया है? अगर आया है तो कितना खर्च किया गया है?  -आभा पांडे, वरिष्ठ नगरसेविका 

जो निर्णय हो, उसकी जानकारी दीजिए
पदाधिकारी-अधिकारी एक गाड़ी के दो पहिए हैं। आयुक्त जो भी निर्णय या कार्यवाही करते हैं, उसकी जानकारी देें। नगरसेवक नितिन साठवणे के खिलाफ गलत कार्रवाई हुई। कर्मचारियों ने गुमराह किया। क्वारेंटाइन सेंटरों की व्यवस्था ठीक की जाए। प्रतिबंधित क्षेत्रों में लोगों को जीवनावश्यक सुविधाएं देने के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी करें। लोग परेशान हैं। 
-तानाजी वनवे, विरोधी पक्षनेता 

मदद के लिए कोई नहीं आया
विरोध करने वाले नगरसेवकों पर एफआईआर की जाती है, लेकिन क्वारेंटाइन का विरोध कर रहे नागरिकों के प्रति सहानुभूति जताई जा रही है। मोमिनपुरा में डॉक्टरों को विरोध का सामना करना पड़ा। उनकी मदद के लिए मनपा का कोई अधिकारी नहीं पहुंचा। डॉक्टरों को सुरक्षा मिलनी चाहिए। लॉकडाउन में शादी को मंजूरी दे रहे हैं, तो मेहमानों के ठहरने की व्यवस्था भी होनी चाहिए।
-दयाशंकर तिवारी, वरिष्ठ नगरसेवक

जो निर्णय लेना है लें, लेकिन मुलाकात तो करें 
कोविड-19 की लड़ाई लंबी चलने वाली है। संघर्ष से काम नहीं होगा। समन्वय जरूरी है। हम जनता के प्रतिनिधि हैं। हम व्यक्तिगत समस्या लेकर नहीं आते। जनता की समस्या लेकर आते हैं। इसलिए नगरसेवकों से मुलाकात तो करें। अपने क्षेत्र में हमें रोज जनता का सामना करना पड़ता है। -प्रफुल गुडधे, वरिष्ठ नगरसेवक 


 

Created On :   5 Jun 2020 6:37 AM GMT

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