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कृषि उपभोक्ताओं पर नहीं पड़ेगी लोडशेडिंग की मार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महावितरण ने स्पष्ट किया कि राज्य में बिजली की कमी होने के बावजूद कृषि उपभोक्ताआें पर लोडशेडिंग की मार नहीं पड़ेगी। कृषि उपभोक्ताआें को दिन में 8 घंटे व रात को 8 घंटे बिजली आपूर्ति जारी रहेगी। जितनी जरूरत है, उतने ही बिजली का इस्तेमाल करने का आह्वान महावितरण के अध्यक्ष व प्रबंध संचालक विजय सिंघल द्वारा किया गया है।
कोयले की कमी का असर : महावितरण ने स्पष्ट किया कि कोयले व गैस की कमी के कारण बिजली उत्पादन प्रभावित हो रहा है। गर्मी में जितनी बिजली की मांग हैै, उससे कम बिजली का निर्माण हो रहा है। निजी कंपनियों से बिजली खरीदकर बिजली की मांग पूरी की जा रही है। गर्मी में बिजली की मांग बढ़ गई है। महावितरण ने सफाई दी कि अन्य राज्यों की तुलना में महाराष्ट्र में बिजली संकट बहुत कम है आैर इसे भी दूर करने के भरसक प्रयास जारी हैं। बिजली संकट के बावजूद कृषि उपभोक्ताआें को दिन में व रात में 8-8 घंटे बिजली आपूर्ति जारी रहेगी।
राहत की बात : राहत की बात यह है कि कोस्टल गुजरात पॉवर लिमिटेड से (सीजीपीएल) महावितरण को पिछले तीन दिन से 760 मेगावॉट बिजली अतिरिक्त मिल रही है। इसके अलावा नेशनल थर्मल पॉवर कॉर्पोरेशन (एनटीपीसी) से 15 जून तक 673 मेगावॉट बिजली आपूर्ति होती रहेगी।
खुले बाजार में 12 रुपए प्रति यूनिट बिजली : खुले बाजार में बिजली की दर प्रति यूनिट 12 रुपए तक पहुंच गई है। महंगी बिजली खरीदने की भी महावितरण की तैयारी है। अतिरिक्त 10 टीएमसी जल भंडारण के उपयोग को विशेष मंजूरी मिली है।
25144 मेगावॉट बिजली की मांग
25144 मेगावॉट तक बिजली की मांग बढ़ गई है। कोयले व गैस की कमी के कारण पूरी क्षमता से बिजली उत्पादन नहीं हो रहा। 21057 मेगावॉट बिजली खरीदी का करार हुआ है। फिलहाल 78 फीसदी ही बिजली उत्पादन हो रहा है। निजी बिजली कंपनियों से महंगी बिजली खरीदी जा रही है। कुल 1433 मेगावॉट बिजली अतिरिक्त उपलब्ध हो रही है। महावितरण के नियोजन के कारण कम से कम लोडशेडिंग होने का दावा महावितरण की तरफ से किया गया है।
Created On :   17 April 2022 8:04 PM IST