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एयरपोर्ट विकास का ठेका रद्द,जीएमआर कंपनी ने ली हाईकोर्ट की शरण

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर के डॉ. बाबासाहब आंबेडकर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की विस्तार और विकास योजना का कांट्रैक्ट रद्द किए जाने के विरोध में जीएमआर कंपनी ने बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ की शरण ली है। मामले में याचिकाकर्ता का पक्ष सुनकर न्या. सुनील शुक्रे और न्या. अनिल किल्लोर की खंडपीठ ने प्रतिवादी केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय, एयरपोर्ट विकास प्राधिकरण, मिहान इंडिया कंपनी, राज्य सरकार और एमएडीसी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
टेंडर प्रक्रिया में 13 कंपनियों ने लिया था हिस्सा
कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि राज्य सरकार अगर नए सिरे से टेंडर प्रक्रिया शुरू भी करती है, तो वह हाईकोर्ट के आदेश के अधीन होगी। मामले में जल्द ही अंतिम सुनवाई शुरू होगी। याचिकाकर्ता के अनुसार राज्य सरकार ने कुछ समय पूर्व नागपुर एयरपोर्ट के विकास कार्य के लिए टेंडर निकाला था। इसमें 13 कंपनियों ने हिस्सा लिया था, जिसमें याचिकाकर्ता कंपनी के साथ अन्य चार कंपनियों को तकनीकी बोली के लिए चुना गया था। एयरपोर्ट का विकास प्लान, वर्कलोड, आय और अन्य राज्य सरकार को मिलने वाले लाभ जैसे विविध पहलुओं को देखते हुए जीएमआर कंपनी को टेंडर दिया गया था। जीएमआर का कांट्रैक्ट मार्च 2019 में बहाल हुआ, लेकिन काम शुरू नहीं हुआ। कंपनी ने बार-बार राज्य सरकार को पत्र लिख कर काम कब शुरू करना है, यह सवाल पूछा, लेकिन 16 मार्च 2020 को राज्य सरकार ने सारी टेंडर प्रक्रिया को ही रद्द करार दे दिया। ऐसे में कंपनी ने हाईकोर्ट की शरण ली। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता जुगलकिशोर गिल्डा और ए.चारू धर्माधिकारी ने पक्ष रखा।
Created On :   30 May 2020 9:51 AM GMT