महाराष्ट्र के सियासी भूचाल में अकोला, बुलढाणा के विधायक शामिल

akola, Buldhana mlas involved in Maharashtras political earthquake
 महाराष्ट्र के सियासी भूचाल में अकोला, बुलढाणा के विधायक शामिल
अकोला  महाराष्ट्र के सियासी भूचाल में अकोला, बुलढाणा के विधायक शामिल

डिजिटल डेस्क, अकोला । महाविकास आघाड़ी सरकार के मंत्री एकनाथ शिंदे तथा उनके सहयोगी विधायकों की बगावत ने प्रदेश में राजनीतिक संकट खड़ा कर दिया है। अकोला जिले के बालापुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करनेवाले शिवसेना के विधायक तथा जिलाप्रमुख नितिन देशमुख, मेहकर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक संजय रायमूलकर एवं बुलढाणा विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करनेवाले विधायक संजय गायकवाड़ यह तीनों विधायक बगावत का नेतृत्व करनेवाले एकनाथ शिंदे के साथ गुजरात के सूरत में इकट्‌ठा होने के कारण महाराष्ट्र की तीन पहियावाली सरकार फिलहाल डांवाडोल होती नजर आ रही है। राजनीति के इस ड्रामे में मंगलवार दोपहर उस समय नया मोड़ आया जब बालापुर के विधायक नितिन देशमुख की पत्नी प्रांजलि देशमुख ने अपने पति के लापता होने की शिकायत पुलिस थाने में दर्ज कराई। इतना ही नहीं देर शाम वे पति से मिलने सूरत के लिए रवाना होने की भी जानकारी मिली है। राजनीतिक घटनाक्रम में आगे क्या होता है? इस पर प्रदेश ही नहीं, पूरे देश की निगाहें टिकी हुई हैं।

कौन हैं नितीन देशमुख
बालापुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुनकर आनेवाले शिवसेना विधायक नितीन देशमुख ने वंचित बहुजन आघाड़ी के प्रा. डा. धैर्यवर्धन पुुंडकर को 18 हजार 788 वोटों के अंतर से हराया था। देशमुख को 69 हजार 343 वोट मिले थे। ज्ञात हो कि नितिन देशमुख अकोला जिला शिवसेना के जिला प्रमुख भी हैं। सोमवार को विधान परिषद की 10 सीटों के चुनाव तथा नतीजों के लिए सभी विधायक मुंबई में रुके थे। विधायक देशमुख की पत्नी ने इस संदर्भ में जानकारी दी कि सोमवार रात से ही उनके पति का मोबाइल नाॅट रिचेबल है। इसलिए वे उनके मिसिंग की रिपोर्ट दर्ज करवा रहीं हैं। अकोला शिवसेना में नितिन देशमुख का अलग गुट है। पिछले विधान परिषद चुनाव में िशवसेना के 3 बार से प्रतिनिधित्व करनेवाले गोपीकिशन बाजोरिया को हराने में तथा भाजपा को मदद करने का आरोप शिवसैनिकों ने नितिन देशमुख पर लगाया था। इसी बीच शिवसेना के पूर्व सहसंपर्क प्रमुख श्रीरंग पिंजरकर ने लेटर बम के जरिए विधायक देशमुख पर भाजपा से मिला होने का गंभीर आरोप लगाया। साथही नितिन देशमुख के नेतृत्व में जिला कार्यकारिणी बर्खास्त कर नई नियुक्ति की मांग की थी। इन आरोपों को विधायक देशमुख ने खारिज किया था। कुछ दिनों पूर्व ही देशमुख ने गोपाल दातकर को शिवसेना का दूसरा जिला प्रमुख नियुक्त करने में सफलता पाई थी। जबकि उन पर आरोप करनेवाले पिंजरकर को सहसंपर्क प्रमुख पद से हटाकर सेवकराम ताथोड़ को यह पद दिया गया था। सियासी हलकों में नितिन देशमुख भाजपा के काफी करीब होने की चर्चा के बीच आए इस भूचाल ने प्रदेश की सरकार को ही अस्थिर बना दिया है। देखना यह है कि सियासी ऊंट िकस करवट बैठता है। 

Created On :   21 Jun 2022 3:01 PM GMT

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