मूक-बधिर को विशेष मास्क उपलब्ध कराए सभी महानगरपालिकाएं

All the municipalities should provide special masks to the deaf
मूक-बधिर को विशेष मास्क उपलब्ध कराए सभी महानगरपालिकाएं
मूक-बधिर को विशेष मास्क उपलब्ध कराए सभी महानगरपालिकाएं

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य की सभी महानगरपालिकाओं व स्थानीय निकायों को मूक बधिर लोगों के लिए तैयार किए गए विशेष मास्क के वितरण को प्रोत्साहन देने का निर्देश दिया है। इससे पहले कोर्ट के सामने मूक बधिर लोगों के लिए मास्क का नमूना पेश किया गया। जिसे देखने के बाद मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ ने मास्क को मूक बधिर के लिए उपयुक्त पाया। मास्क में ऐसा निशान भी बना है जो दर्शाता है कि यह मूक बधिर का विशेष मास्क है। 

सुनवाई के दौरान सरकारी वकील बी वी सामंत ने कहा कि मास्क की डिजाइन को एवाईजे नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पीच एंड हियरिंग डिसबलिटी ने भी मंजूरी दी है। सरकारी वकील की बातें सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि राज्य की सभी महानगर पालिकाएं व स्थानीय निकाय मूक बधिर लोगों के लिए यह मास्क वितरित करें तो बेहतर होगा। इस विषय पर लोकसाहिवादी बालासाहब सरोदे स्मृति प्रतिष्ठान उपक्रम ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिका में दावा किया गया है कि मूक बधिर लोगों का सवांद काफी हद तक चेहरे के हाव भाव व संकेतों पर निर्भर करता है। सामान्य मास्क में ऐसे लोगों को काफी दिक्कतें हो रही है। इसलिए राज्य सरकार व सभी महानगरपालिकाओ को
मूक बधिर लोगों के लिए विशेष मास्क तैयार करने का निर्देश दिया जाए।

सरकारी वकील की दलीलों व याचिका पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता की एक मांग पूरी हो गई है। जहां तक बात इस्तेमाल किए गए मास्क व पीपीई किट के नष्ट करने को लेकर निर्देश जारी करने की है तो हम इस पर अगली सुनवाई के दौरान विचार करेंगे। लेकिन कोविड के उपचार से जुड़े जैविक कचरे को नष्ट करने के लिए अस्पताल केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी दिशा निर्देशों का पालन करें। इस बीच खंडपीठ ने कहा कि लोग मास्क पहने। यदि लोग बिना मास्क के दिखे तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। खंडपीठ ने अब इस याचिका पर सुनवाई 22 जून 2021 को रखी है। 


 


 

Created On :   12 Jun 2021 6:47 PM IST

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