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निराधार हैं राज्यपाल पर लगाए आरोपः आठवले

डिजिटल डेस्क, मुंबई। रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्य मंत्री रामदास आठवले ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी पर सत्ता के दो केंद्र बनाने के आरोप को निराधार व असंवैधानिक बताया है।श्री आठवले ने कहा है कि कोरोना के प्रकोप के चलते पैदा हुए संकट के समय राज्य का संवैधानिक प्रमुख होने के नाते राज्यपाल से चुपचाप शांत बैठने की अपेक्षा नहीं की जा सकती है।
कोरोना के नियंत्रण के लिए राज्यपाल ने अधिकारियों की बैठक ली थी और स्थिति का जायजा लिया था। इसके बाद राकांपा अध्यक्ष शरद पवार व शिवसेना ने राज्यपाल पर सत्ता के दो केंद्र बनाने का आरोप लगाया था। आठवले ने कहा कि राज्यपाल यदि संविधान के तहत अपने अधिकारों का इस्तेमाल करके अधिकारियों की बैठक बुलाते हैं तो इसे मुख्यमंत्री के अधिकारों पर अतिक्रमण नहीं कहा जा सकता है। राज्यपाल के पास अधिकारियों की बैठक बुलाने का अधिकार है। संविधान ने राज्यपाल को मुख्यमंत्री व अधिकारियों को निर्देश देने का अधिकार दिया है। ऐसे में राज्यपाल पर सत्ता के दो केंद्र बनाने का आरोप लगाना असंवैधानिक है। असलियत में सत्ता के दो केंद्र तो कांग्रेस की सरकार के दौरान थे।
श्री आठवले ने कहा कि केंद्र सरकार ने कोरोना के निर्मूलन के लिए सांसदों की विकास निधि के इस्तेमाल पर दो साल तक रोक लगा दी है। इसी तरह राज्य के विधायकों की विकास निधि पर रोक लगाए जाने के विषय मे निर्णय लिया जाना चाहिए। विधायकों के वेतन में सिर्फ 30 प्रतिशत की कटौती पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा कि केंद्र मे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी दलों के नेताओं के साथ बैठक की है, वैसी ही बैठक मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र में लेनी चाहिए। इस दौरान उन्होंने महाराष्ट्र में लॉकडाउन की अवधि 30 अप्रैल तक बढ़ाने का आग्रह किया।
अपने मुनाफे का 20 फीसदी सीएम मेडिकल कोष में जमा करें सहकारी संस्थाएं
कोरोना के प्रसार के चलते पैदा हुई स्थिति का मुकाबला करने के लिए राज्य के सहकारिता विभाग ने राज्य की सहकारी संस्थाओं को अपने मुनाफे का 20 प्रतिशत हिस्सा मुख्यमंत्री मेडिकल सहायता कक्ष में जमा करने का निर्देश दिया है। इन संस्थाओं को वित्त वर्ष 2019- 2020 में हुए लाभ में से 20 प्रतिशत राशि मुख्यमंत्री सहायता निधि में जमा करने के लिए कहा गया है। ताकि कोरोना के चलते सामने आयी परिस्थितियों का प्रभावी तरीके से सामना किया जा सके।
गौरतलब है कि सहकारी बैंक,पतपेढ़ी, चीनी कारखाने, सूत-गिरणी कारखाने व सहकारिता कानून के तहत पंजीकृत हाउसिंग सोसायटी पर सहकारिता विभाग का यह निर्देश लागू नहीं होगा। इनके अलावा सभी संस्थाओं पर विभाग का निर्देश लागू होगा। मुनाफे की राशि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की फोर्ट शाखा में खाता संख्या 39239591720 में जमा की जा सकती है। बैंक का आईएफसी कोड 00003000 है। यह जानकारी सहकारिता क्षेत्र के नेता जिजाब पवार ने दी है।
Created On :   11 April 2020 8:40 PM IST