ग्राम पंचायतों के लिए प्रशासक नियुक्ति के विरोध में आंबेडकर

Ambedkar against the appointment of administrator for Gram Panchayats
ग्राम पंचायतों के लिए प्रशासक नियुक्ति के विरोध में आंबेडकर
ग्राम पंचायतों के लिए प्रशासक नियुक्ति के विरोध में आंबेडकर

डिजिटल डेस्क, मुंबई। वंचित बहुजन आघाडी के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने कार्यकाल समाप्त हो चुके अथवा दिसंबर में कार्यकाल समाप्त होने वाले ग्राम पंचायतों में प्रशासक की नियुक्ति करने के फैसले का विरोध किया है।शुक्रवार को इस पर आंबेडकर ने राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी से मुलाकात की। उन्होंने प्रशासक की नियुक्ति के विरोध में राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा।  राजभवन के बाहर पत्रकारों से बातचीत में आंबेडकर ने कहा किसंविधान में प्रशासक नियुक्त करने का प्रावधान नहीं है। इसलिए ग्राम पंचायतों में राजनीतिक दल के कार्यकर्ता को प्रशासक नियुक्त नहीं किया जा सकता। प्रशासन की शपथ लेने वाले अधिकारियों को ही प्रशासक के रूप में नियुक्त किया जा सकता है। आंबेडकर ने कहा कि कोरोना संकट के बाद भी विश्व भर में चुनाव हो रहे हैं। महाराष्ट्र में कार्यकाल खत्म होने वाले ग्राम पंचायतों के चुनाव होने ही चाहिए। यदि ग्राम पंचायतों के चुनाव नहीं कराए जा रहे हैं तो निर्वाचित ग्राम पंचायत की अवधि छह महीने के लिए बढाई जाए। आंबेडकर ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार केवल कोरोना का नाटक कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को ग्राम पंचायतों का चुनाव नहीं कराना है। इसलिए कोरोना का झूठा बहाना बनाया जा रहा है। सरकार को राज्य में अपना राज कायम करना है। इसके लिए ग्राम पंचायत से शुरुआत की गई है। 

प्रशासक के नाम पर फंड जुटा रहे राकांपा नेता
आंबेडकर ने कहा कि मैंने राज्यपाल को बताया कि प्रशासक की नियुक्ति का अध्यादेश जारी होने के बाद राजनीतिक दलों ने दुकानदारी शुरू कर दी है।राज्यपाल को राकांपा के पुणे जिला अध्यक्ष प्रदीप गारटकर का पत्र दिखाया। जिसमें उन्होंने प्रशासक पद के लिए इच्छुक उम्मीदवारों से आवेदन के साथ 11 हजार रुपए पार्टी फंड में जमा कराने को कहा है। सरकार के फैसले का दुरुपयोग हो रहा है।  इससे पहले राज्य सरकार ने प्रशासक नियुक्ति के संबंध में आदेश जारी किया था। राज्य में 19 जिलों में 1 हजार 566 ग्राम पंचायतों का कार्यकाल अप्रैल से जून के बीच समाप्त हो चुका है जबकि 12 हजार 668 ग्राम पंचायतों का कार्यकाल जुलाई से दिसंबर 2020 तक खत्म होगा। कार्यकाल समाप्त होने वाली ग्राम पंचायतों में प्रशासक नियुक्त करने का अधिकार जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को दिया गया है। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को पालक मंत्रियों की सलाह पर प्रशासक नियुक्त करना है। विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने भी इसका विरोध किया है। 

Created On :   17 July 2020 12:34 PM GMT

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