मरीज को रोड में लावारिस हाल में छोड़ गई एंबुलेंस
![Ambulance left the patient in an abandoned hall in the road Ambulance left the patient in an abandoned hall in the road](https://d35y6w71vgvcg1.cloudfront.net/media/2020/08/ambulance-left-the-patient-in-an-abandoned-hall-in-the-road_730X365.jpg)
डिजिटल डेस्क, नागपुर। उपराजधानी में कोरोना रोज नए रिकॉर्ड बना रहा है। एक दिन में मौत का आंकड़ा जहां 40 को छू रहा हैं, वहीं औसत 400 मरीज रोज मिल रहे हैं। ऐसे में सरकारी इंतजामों की पोल भी खुलने लगी है। एक 84 वर्षीय कोरोना मरीज को मेडिकल अस्पताल के ट्रॉमा केयर सेंटर में भर्ती कराया गया। उस मरीज को 5 दिन बाद लावारिस हाल में एक एंबुलेंस ताजबाग क्षेत्र में छोड़ गई। किसी तरह उस बुजुर्ग को लोगों ने पहचाना और उन्हें घर तक पहुंचाया। विशेष बात यह है कि उसके पास से दो डिस्चार्ज कार्ड मिले हैं। ये कार्ड शालिनीताई मेघे हॉस्पिटल एडं रिसर्च सेंटर वानाडोंगरी, हिंगना के हैं। एक कार्ड में 5 अगस्त को भर्ती और 6 अगस्त को डिस्चार्ज दिखाया गया है, जबकि दूसरे कार्ड में 6 अगस्त को भर्ती और 6 अगस्त को डिस्चार्ज दिखाया गया है।
पहले निजी अस्पताल में हुआ था इलाज
सक्करदरा तालाब के पास ताजबाग निवासी 84 वर्षीय मरीज को बुखार आने पर भांडे प्लाॅट स्थित निजी अस्पताल में जांच हुई थी। 29 जुलाई को मरीज की कोरोना जांच हुई। 30 जुलाई को रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसकी जानकारी मनपा के नेहरू नगर जोन में दी गई। उन्होंने बताया कि 31 जुलाई को एंबुलेंस आएगी। 31 जुलाई को सुबह 10.30 बजे एंबुलेंस आई। वृद्ध के साथ उनका 46 वर्षीय बेटा शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (मेडिकल) स्थित ट्रॉमा केयर सेंटर पहुंचे। इसी दौरान बेटा भी पॉजिटिव हो गया। दूसरी ओर, परिवार में साढ़े 12 साल की लड़की व 14 साल के लड़के की रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
नहीं दी सूचना
बुजुर्ग मरीज के परिजनों का आरोप है कि मेडिकल अस्पताल में 2 मोबाइल नंबर नोट कराए गए थे। इसके बावजूद सूचना नहीं दी गई।
जवाब नहीं दिया
नेहरू नगर जोन के जोनल मेडिकल ऑफिसर (जेडएमओ) गजानन पावने को फोन कर मरीज को भर्ती करवाया गया था। इस मामले को लेकर उनसे संपर्क किया गया तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार किया।
श्रेणी बनाकर अलग रखे जाते हैं मरीज
श्रेणी बनाकर मरीजों को अलग-अलग रखा जाता है। सुविधानुसार मरीजों को दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट भी किया जाता है। कोविड हॉस्पिटल में ज्यादा गंभीर मरीजों को रखा जाता है, जिससे उनको उचित उपचार मिल सके। इस मरीज के बारे में फिलहाल कहना मुश्किल है। -डॉ. अविनाश गावंडे, अधीक्षक, मेडिकल अस्पताल
Created On :   8 Aug 2020 8:18 AM GMT