'वक्फ की जमीन हड़पने के लिए लाया गया हैदराबाद अतियात चौकशी अधिनियम 1952 में संशोधन'

amendment to Hyderabad Atiyat Inquiries Act-1952 is not passed
'वक्फ की जमीन हड़पने के लिए लाया गया हैदराबाद अतियात चौकशी अधिनियम 1952 में संशोधन'
'वक्फ की जमीन हड़पने के लिए लाया गया हैदराबाद अतियात चौकशी अधिनियम 1952 में संशोधन'

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विपक्ष के तगड़े विरोध के चलते गुरुवार को हैदराबाद अतियात चौकशी (जांच) अधिनियम 1952 का संशोधन विधेयक विधानसभा से पारित नहीं हो सका। सरकार ने इसी साल 12 फरवरी को इससे जुड़ा अध्यादेश निकाला था। प्रस्तावित संशोधन से इनामी जमीनों का इस्तेमाल स्कूल, कॉलेज व अस्पताल बनाने के लिए किया जा सकेगा। राजस्व राज्य मंत्री संजय राठौड़ ने जैसे ही विधेयक विधानसभा में पेश किया। कांग्रेस के नसीम खान ने इसका विरोध करते हुए कहा कि इस बाबत पहले से केंद्र सरकार का कानून मौजूद है। ऐसे में राज्य सरकार के पास ऐसा कोई कानून बनाने का अधिकार ही नहीं है। उन्होंने आशंका जताई कि इसका दुरूपयोग कर वक्फ की जमीन हड़पी जा सकती है।

बता दें कि हैदराबाद अतियात चौकशी अधिनियम 1952 राज्य के मराठवाडा इलाके में लागू है जो कभी हैदराबाद क्षेत्र का हिस्सा था। इन जमीनों को खितमतमाश इनाम जमीन के तौर पर पहचाना जाता है। सरकार के मुताबिक बढ़ते शहरीकरण के चलते ये जमीने अब शहरी क्षेत्रों का हिस्सा हो गईं हैं। ऐसे में सरकार चाहती है कि इन जमीनों का सार्वजनिक सेवाओं से जुड़ी विकास योजनाओं के लिए इस्तेमाल किया जा सके। इसके अलावा स्कूल और अस्पताल के लिए भी जमीन के इस्तेमाल की योजना है।

नसीम खान के साथ-साथ विधानसभा में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखेपाटील ने भी इसका विरोध करते हुए कहा कि ऐसा लग रहा है कि मराठवाड़ा में एक खास समाज के पास मौजूद जमीन लेने के लिए यह बदलाव किया जा रहा है। इस पर चर्चा की जरूरत है सरकार कानून में बदलाव क्यों करना चाहती है, उसे अपनी भूमिका स्पष्ट करनी चाहिए। NCP के अजित पवार ने कहा कि हम कानून में इस बदलाव का विरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि विधेयक से जुड़े कई सवाल हैं इसलिए इसे ज्वाइंट सिलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाना चाहिए। छह महीनों के अध्ययन के बाद कमेटी सिफारिश दें तब तक विधेयक रोक दिया जाए। विधानसभा अध्यक्ष हरिभाऊ बागडे ने विपक्ष के विरोध के मद्देनजर विधेयक को रोक दिया।

Created On :   9 March 2018 12:00 AM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story