अमरावती के पूर्व राज्य मंत्री सुनील की कांग्रेस में घर वापसी

Amravatis former state minister Sunil returns home in Congress
अमरावती के पूर्व राज्य मंत्री सुनील की कांग्रेस में घर वापसी
अमरावती के पूर्व राज्य मंत्री सुनील की कांग्रेस में घर वापसी

डिजिटल डेस्क,मुंबई। प्रदेश भाजपा के नेता तथा पूर्व राज्य मंत्री व अमरावती के पूर्व विधायक डॉ.सुनील देशमुख की लगभग 12 साल बाद कांग्रेस में घर वापसी हुई है। शनिवार को दादर स्थित कांग्रेस कार्यालय तिलक भवन में प्रदेश कांग्रेस ने पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के जन्मदिन को संकल्प दिवस के रूप में मनाया। इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी एच के पाटील, कांग्रेस के मंत्रियों और पूर्व मुख्यमंत्रियों की मौजूदगी में देशमुख ने कांग्रेस में प्रवेश किया। पूर्व विधायक दिलीप बनसोड सहित दूसरे दलों के कई पदाधिकारी भी कांग्रेस में शामिल हुए। देशमुख की घर वापसी विदर्भ में भाजपा के लिए झटका मना जा रहा है। कांग्रेस में प्रवेश के बाद देशमुख ने कहा कि मैं साल 2014 में कांग्रेस को छोड़कर भाजपा में गया। लेकिन मैं भाजपा में रम नहीं पाया। मुझे भाजपा में अटपटा से लग रहा था। क्योंकि मेरे खून में कांग्रेस है। मैं वहां पर बेचैन था। देशमुख ने कहा कि साल 2014 में भाजपा सरकार का पहला विधानसभा सत्र हुआ। सदन में भाजपा के मंत्रियों सवालों के जवाब ठीक से नहीं दे रहे थे। मैंने भाजपा के विधायक के रूप में सदन में मंत्रियों से सवाल पूछा। इसके बाद मुझे भाजपा के नेताओं ने सदन के बाहर बुलाया। मुझे हिदायत देते हुए कहा गया कि यह कांग्रेस नहीं भाजपा की सरकार है। हमें अपने मंत्रियों को मुश्किल में नहीं डालना है। इस पर मैंने कहा कि हम लोग तो कांग्रेस में अपने मंत्रियों को सवाल पूछकर सदन में अड़चन में डाल देते थे। देशमुख ने कहा कि मैं कांग्रेस को तन, मन और धन से प्रदेश में एक नंबर का दल बनाने के लिए खुद को झोंक दूंगा। 

महाराष्ट्र कांग्रेस की जमीन, दूसरे के हाथ जाने नहीं देंगे  - पटोले  
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पटोले ने कहा कि कांग्रेस में शामिल होने के लिए कई लोग कतार में हैं। हम लोग महाराष्ट्र में कांग्रेस को नंबर एक की पार्टी बनाने के काम में जुट गए हैं। पटोले ने कहा कि मैंने प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। उन्होंने मुझसे कहा था कि महाराष्ट्र कांग्रेस की जमीन है। कांग्रेस की इस जमीन को दूसरे के हाथ में नहीं जाने देना। अब हम इसी लड़ाई के साथ मैदान में हैं। हम लोग कांग्रेस को दोबारा एक नंबर की पार्टी बनाएंगे। वहीं मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष भाई जगताप ने कहा कि मेरा कांग्रेस नेतृत्व से आग्रह है कि पार्टी को अकेले चुनाव लड़ने की अनुमति दी जाए। फिर हम देखेंगे कि किसमें कितना है दम।  

भाजपा में गए नेताओं को वापस कांग्रेस में बुलाया जाए- चव्हाण
प्रदेश के सार्वजनिक निर्माण कार्य मंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि देशमुख भले भाजपा में गए थे लेकिन वे मन से कांग्रेस में ही थे। देशमुख का 12 साल का वनवास खत्म हुआ है। चव्हाण ने कहा कि साल 2014 के बाद सत्ता के आकर्षण में कई लोग भाजपा में शामिल हुए थे। लेकिन ऐसे नेता अपने आप को भाजपा में फंसा हुआ महसूस कर रहे हैं। इसलिए प्रदेश कांग्रेस को उन्हें दोबारा पार्टी में शामिल करने के लिए फैसला करना चाहिए।  

देशमुख के राजनीतिक जीवन पर एक नजर 
देशमुख साल 1999 में कांग्रेस के विधायक बने। साल 2004 में दोबारा विधायक बनने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख ने उन्हें वित्त राज्य मंत्री पद की जिम्मेदारी दी। इसके बाद कांग्रेस ने साल 2009 के विधानसभा चुनाव में देशमुख का टिकट काट दिया। देशमुख ने तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील के बेटे तथा कांग्रेस उम्मीदवार राजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ बगावत कर दी। इस कारण कांग्रेस ने देशमुख को 9 अक्टूबर 2009 को पार्टी से निष्काषित कर दिया था। उस चुनाव में देशमुख ढाई हजार वोटों से हार गए थे। इसके बाद देशमुख ने जनविकास कांग्रेस पार्टी बनाई। फिर देशमुख साल 2014 के विधानसभा चुनाव कांग्रेस का टिकट न मिलता देख भाजपा में शामिल हो गए। देशमुख को केंद्रीय परिवहन मंत्री नितीन गडकरी ने भाजपा में शामिल करवाया था। देशमुख साल 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर 35 हजार वोटों से जीते। उन्हें साल 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने दोबारा टिकट दिया लेकिन वे चुनाव हार गए थे। 


 

Created On :   19 Jun 2021 1:38 PM GMT

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