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संतरे के बगीचे पर खुद चलाया जेसीबी

डिजिटल डेस्क, अमरावती। प्रकृति का प्रकोप लगातार जारी है। कभी बेमौसम बारिश तो कभी ओलावृष्टि साथ ही फसलों पर आने वाले विविध प्रकार के रोग के कारण किसानों को संकट का सामना करना पड़ रहा है। इसी संकट का सामना करने वाले अचलपुर तहसील के खरपीगांव के एक किसान ने अपने ढाई एकड़ के संतरा बगीचे के 300 पेड़ों पर जेसीबी चलाकर 20 साल से संगोपन किए गए संतरा बगीचे को ध्वस्त कर दिया। यह करते समय संबंधित किसान काफी हताश दिखाई दिया।
पिछले चार से पांच साल से विदर्भ के संतरा उत्पादक किसान आर्थिक संकट में हैं। प्रकृति के प्रकोप के कारण किसान हलाकान हो गए हैं। इस कारण किसानों को परिवार के पालनपोषण का आधार रहे खेती पर पूरा विश्वास अब नहीं रहा है। इसी कारण अनेक किसान अपने बगीचे ध्वस्त करने में लग गए हैं। इसी तरह की एक घटना अचलपुर तहसील के खरपीगांव के एक किसान पर आन पड़ी है। बंडू राऊत नामक किसान के पास 7 एकड़ जमीन है। उसमें से ढाई एकड़ में उसने 20 वर्ष पूर्व संतरा बगीचा तैयार किया। पेड़ों का अपने बच्चे की तरह संगोपन किया। इसके पश्चात कुछ वर्ष तक इन संतरा पेड़ों ने खासी आय भी दी। लेकिन पिछले चार से पांच साल से प्रकृति के प्रकोप के कारण संतरा बगीचे से आय होना बंद हो गया है। जिससे काफी नुकसान बंडू राऊत का हुआ है। हर वर्ष संतरा बगीचा के संगोपन के लिए डेढ़ से 2 लाख रुपए खर्च आता है, लेकिन आय 4 से 5 हजार तक ही हुई। पिछले वर्ष इस किसान के बगीचे का संतरा केवल 5 हजार रुपए में बेचा गया और इस वर्ष केवल 10 हजार रुपए में संतरे की बिक्री हुई। इस कारण किसान बंडू राऊत ने गुरुवार की सुबह परिवार के किसी भी व्यक्ति को कोई सूचना दिए बिना जेसीबी किराए से ली और 300 पेड़ों को उजाड़ दिया। बंडू राऊत के परिवार में पत्नी, एक बेटा, एक बेटी और मां है। आर्थिक संकट आन पड़ने से उसने यह कदम उठाने की बात बंडू राऊत ने कही।
बहुत हताश हो चुका हूं
आर्थिक संकट से घिरा बंडू राऊत काफी हताश हो गया है। अथक परिश्रम से उसने संतरा पेड़ों को छोटे से बड़ा किया। पेडों को नष्ट करते समय वह काफी निराश हो गया था और वह आत्महत्या करने के प्रयास में था। तब गांव के सरपंच योगेश भोसले, पुलिस पाटील संजय भगत, भूतपूर्व सरपंच दिनकर पवार, आकाश पोहोकार ने खेत में पहुंचकर किसान राऊत को सांत्वना दी और आत्महत्या जैसा कदम न उठाने के लिए हिम्मत दी तब किसान बंडू राऊत शंात हुआ।
Created On :   14 Jan 2022 12:49 PM IST