किसानों के मुद्दे, जन लोकपाल और चुनाव सुधार को लेकर दिल्ली में सत्याग्रह 23 मार्च से : अन्ना हजार

Anna hazare say Satyagraha in Delhi on March 23 from Jan Lokpal and election reforms
किसानों के मुद्दे, जन लोकपाल और चुनाव सुधार को लेकर दिल्ली में सत्याग्रह 23 मार्च से : अन्ना हजार
किसानों के मुद्दे, जन लोकपाल और चुनाव सुधार को लेकर दिल्ली में सत्याग्रह 23 मार्च से : अन्ना हजार

डिजिटल डेस्क सतना। बुजुर्ग सामाजिक कार्यकर्ता और मशहूर गांधीवादी अन्ना हजारे ने यहां  एक जनसभा में ऐलान किया कि वे किसानों के मुद्दे, जन लोकपाल और चुनाव सुधार के मसले को लेकर शहीद दिवस के मौके पर 23 मार्च से दिल्ली के रामलीला मैदान में सत्याग्रह की शुरुआत करेंगे। उन्होंने आरोप लगाए कि इन मुद्दों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को 26 पत्र लिखे , लेकिन इनमें से एक का भी जवाब नहीं मिला । गौरतलब है, वर्ष 2011 में 12 दिन के सत्याग्रह पर तब यूपीए सरकार ने लोकपाल विधेयक पारित कर दिया था। अन्ना ने कहा कि तकनीकी कारणों के तर्क देकर मोदी सरकार ने अभी तक लोकपाल की नियुक्ति नहीं की है।   
करेंगे या मरेंगे
भारतीय किसान मजदूर यूनियन के बैनर तले यहां दशहरा मैदान में आयोजित जन सभा में अन्ना हजारे ने कहा कि मैने तय किया है कि 23 मार्च को करेंगे या मरेंगे। उन्होंने किसानों से बड़ी तादाद में इस आंदोलन में शामिल होने का आग्रह भी किया। वयोवृद्ध समाजसेवी ने कहा कि वे सत्याग्रह के संबंध में किसानों की प्रतिक्रिया लेने के लिए ही पूरे देश में घूम रहे हैं। उन्होंने कहा कि 70 साल में देश में 12 लाख किसानों ने खुदकुशी की है। मगर सरकारों ने इसकी समीक्षा करने की जरुरत नहीं समझी।
भाजपा-कांग्रेस एक सिक्के के दो पहलू
अन्ना हजारे ने कहा कि सरकार अडानी-अंबानी के बारे में ज्यादा सोंचती है।  उन्होंने कहा कि जनशक्ति की दम पर हमने महाराष्ट्र में 2 सरकारें गिरा दीं। ऐसा की कुछ करना है। उन्होंने कहा कि ये सिर्फ सरकार गिरने से डरते हैं। अन्ना ने कहा कि  कंाग्रेस और बीजेपी एक सिक्के के दो पहलू हैं। सत्ता से पैसा...पैसा से सत्ता ही इनका चरित्र है। इनमें देश और समाज की सोच नहीं है। इलेक्शन के समय मोदी ने कहा था कि लोकपाल बिल लागू करेंगे। मगर अभी तक ऐसा कुछ नहीं हुआ। अन्ना ने कहा कि इच्छा शक्ति का अभाव है।
भ्रष्टाचार मुक्त भारत सिर्फ भाषणों में
मशहूर समाजसेवी अन्ना हजारे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि भ्रष्टाचार मुक्त भारत के नाम पर सिर्फ भाषणबाजी चल रही है। होर्डिंग और प्रचार-प्रसार पर करोड़ों के बजट की बर्बादी हो रही है। उन्होंने जन लोक पाल बिल का जिक्र करते हुए कहा कि हमने कानून बनाया था हर अफसर और उसका परिवार 31 मार्च तक अपनी प्रापर्टी डिक्लेयर करेगा। मगर, इस प्रावधान को हटा कर केंद्र ने अफसरशाही के लिए भ्रष्टाचार का रास्ता खोल दिया है।
 

Created On :   8 Feb 2018 2:21 PM IST

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