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केंद्रीय मंत्री राणे के बंगले को लेकर एक और नोटिस

डिजिटल डेस्क, मुंबई। केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के मुंबई के जुहू इलाके में स्थित बंगले अधीश को अब तटीय नियमन जोन (सीआरजेड) के उल्लंघन के आरोप में मुंबई उपनगर जिलाधिकारी की ओर से नोटिस भेजा गया है। नोटिस में दावा किया गया है कि बंगले के निर्माण में मंजूर फ्लोर स्पेस इंडेक्स (एफएसआई) से ज्यादा का निर्माण किया गया है। मामले में सफाई देने के लिए 10 जून सुबह 11 को हाजिर रहने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसा न होने पर आगे की कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
नोटिस 24 मई को मेसर्स आर्टलाइन प्रापर्टीज प्रायवेट लिमिटेड के नाम जारी किया गया है। नोटिस के मुताबिक केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की ओर से 11 जुलाई 2007 को 1 एफएसआई की मंजूरी दी गई थी। जिसके मुताबिक बृहन्मुंबई महानगर पालिका ने 2810.80 वर्ग मीटर की एफएसआई की मंजूरी दी गई थी। लेकिन बीएमसी की जांच रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि बंगले में 4272.41 वर्ग मीटर का निर्माण हुआ है। यानी मंजूर एफएसआई से 1461.61 वर्ग मीटर ज्यादा निर्माण किया गया है। यानी मंजूर 1 एफएसआई की जगह 2.125 एफएसआई का उपयोग निर्माण के लिए किया गया है। नोटिस के मुताबिक जिला स्तरीय तटीय प्रबंधन समिति की 17 मई को हुई बैठक में नियमों के उल्लंघन पर चर्चा के बाद कारण बताओ नोटिस जारी करने का फैसला किया गया। जवाब न मिलने पर आगे की कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। इससे पहले मुंबई मनपा (बीएमसी) भी राणे के बंगले में अवैध निर्माण का दावा करते हुए तोड़क कार्रवाई का नोटिस दे चुकी है।
विधायक राणा की इमारत की भी जांच
निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा का घर खार इलाके की जिस लावी इमारत में है वहां अवैध निर्माण की छानबीन करने सोमवार को बीएमसी की टीम पहुंची। राणा के अलावा इस नौ मंजिला इमारत में बने सभी घरों को बीएमसी ने अवैध निर्माण की जांच के लिए नोटिस भेजा था। करीब ढाई घंटे की छानबीन और नापजोख के बाद बीएमसी की टीम वापस लौट गई। सूत्रों के मुताबिक इससे जुड़ी रिपोर्ट जल्द ही संबंधित अधिकारियों को सौंपी जाएगी। अवैध निर्माण होने पर रहिवासियों को नोटिस दिया जाएगा। इससे पहले राणा दंपति के आठवीं मंजिल पर स्थित घर की जांच के बाद तोड़क कार्रवाई का नोटिस दिया जा चुका है। नोटिस के खिलाफ राणा दंपति ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था जिसके बाद उन्हें बीएमसी के सामने अवैध निर्माण को वैध करने की अपील के लिए एक महीने का समय दिया गया है। इस दौरान तोड़क कार्रवाई पर अदालत ने रोक लगा रखी है।
Created On :   30 May 2022 8:27 PM IST