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अवैध रेत खनन मामला, हाईकोर्ट ने आरोपी को जमानत देने से किया इंकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सरकारी जमीन में रेत के अवैध खनन को गंभीरता से लेते हुए बांबे हाईकोर्ट ने इस मामले के आरोपी को अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया है। अवकाश जस्टिस अजय गड़करी ने कहा कि इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों के बयान आरोपी की इस प्रकरण में संलिप्तता को दर्शाते हैं। रिकॉर्ड के हिसाब से देखा जाए तो जमानत के लिए आवेदन करनेवाला अारोपी अवैध रेत खनन के अपराध का मास्टर माइंड है। इसलिए आरोपी के अग्रिम जमानत के आवेदन को खारिज किया जाता है।
इससे पहले आरोपी कैलाश पाटील की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल की इस मामले में कोई भूमिका नहीं है। पुलिस इस प्रकरण में गिरफ्तार आरोपियों के बयान के आधार पर मेरे मुवक्किल को गिरफ्तार करने की तैयारी में है। इसके अलावा पुलिस के पास मेरे मुवक्किल के खिलाफ कोई सबूत नहीं है, इसलिए मेरे मुवक्किल को गिरफ्तारी से राहत प्रदान की जाए।
इन दलीलों को सुनने के बाद जस्टिस ने कहा कि रिकॉर्ड अपने आप में दर्शाता है कि प्रकरण से जुड़े आरोपी अवैध रुप से रेत खनन के काम में शामिल थे। जहां तक बात जमानत के लिए आवेदन करनेवाले आरोपी की है तो प्रकरण की जांच को लेकर मामले में गिरफ्तार आरोपी के बयान पर विचार किया जा सकता है।
इससे पुलिस को अपराध की जांच को आगे बढ़ाने का सुराग मिलता है। मामले से जुड़े रिकॉर्ड के साथ लगे सबूत आरोपी की इस मामले में भूमिका को स्पष्ट है, इसलिए वह फिलहाल अग्रिम जमानत पाने के योग्य नहीं है। यही कारण है कि जमानत आवेदन को खारिज किया जाता है।
गौरतलब है कि आरोपियों के खिलाफ ठाणे के कसेली इलाके में स्थिति सरकारी क्रीक (खाड़ी) में अवैध रुप से रेत के खनन को लेकर सरकारी अधिकारी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 379,439,34 व महाराष्ट्र लैंड रेवन्यु कोड तथा पर्यावरण सरंक्षण कानून के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है।
Created On :   25 May 2018 7:46 PM IST