पत्थरई नदी पुर्नजीवन अभियान : कागजी कार्यवाही तक सीमित रहा कार्य

approved amount not used in reconstructive campaign of pattharai river
पत्थरई नदी पुर्नजीवन अभियान : कागजी कार्यवाही तक सीमित रहा कार्य
पत्थरई नदी पुर्नजीवन अभियान : कागजी कार्यवाही तक सीमित रहा कार्य

डिजिटल डेस्क, परासिया। पेंचनदी की सहायक नदी पत्थरई के पुर्नजीवन अभियान कागजी कार्रवाही तक सीमित रहने से अभियान के लिए स्वीकृत 13 करोड़ रुपए का समुचित उपयोग नहीं हो सका। पांच साल में 9 पंचायत क्षेत्र में उक्त राशि को महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना- मनरेगा से जोड़कर खर्च होना था। लगभग 5 फीसदी काम के बाद एक साल में ही अभियान ठप्प हो गया। जिसका परिणाम है कि पत्थरई नदी की धारा और स्त्रोत में कोई बदलाव नहीं आया है।

पत्थरई नदी पुर्नजीवन अभियान के संचालन का काम जबलपुर के एनजीओ एसोसिएशन फॉर्क कम्युनिटी ट्रांसफार्मेशन- एफ्ड ने हासिल किया। वर्ष 2011 से 2015 तक इस कार्य में 13 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रावधान किया गया। कार्ययोजना तैयार होने में ही लगभग 1 साल से अधिक का समय लग गया। उसके बाद वर्ष 2013 से कार्य प्रारंभ हुआ। अक्टूबर- 14 से अभियान अंतर्गत राशि आवंटित नहीं होने से काम बंद हो गया। उसी वर्ष के अंत तक एनजीओ ने अभियान संचालन से हाथ खड़ा कर अपना कार्यालय बंद कर दिया।

ये पंचायत क्षेत्र रहे शामिल :
पत्थरई नदी पुर्नजीवन अभियान में नदी के उद्गम स्थल से पेंचनदी में विलय होने तक जिन पंचायत क्षेत्रों के करीब से नदी बही, उन क्षेत्रों को शामिल किया गया। जिसके तहत खिरसाडोह, खमराजेठू, गाजनडोह, नागलवाड़ी, बिजोरी गुमाई, शीलादेही, घोघरी रैय्यत, उमरेठ, ढाला पंचायत शामिल की गई।

यह हुए कार्य :
अभियान के अंतर्गत पत्थरई नदी के आधार क्षेत्रों में मेढ़ बंधान, नाली खुदाई, स्टाप डेम, बोल्डर चेक डेम, गली प्लग कार्य सहित नदी का गहरीकरण और पौधा रोपण कार्य भी करवाना था। जिसमें नदी गहरीकरण व पौधारोपण कार्य छोड़कर अन्य कार्यों की शुरूआत हो गई थी।

इनका कहना है...
पत्थरई नदी पुर्नजीवन अभियान का डीपीआर 13 करोड़ रुपए का तैयार कर प्रस्तुत किया गया। कार्य शुरू होने के कुछ समय बाद अवरोध आने से काम बंद हो गया।
मनीष गुजले, संचालक, एसोसिएशन फॉर्क कम्युनिटी ट्रांसफार्मेशन- एफ्ड, जबलपुर

 

Created On :   1 May 2018 3:03 PM IST

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