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बकाया मानधन के लिए आशाओं ने दिया धरना

डिजिटल डेस्क, कोरची (गड़चिरोली)। स्वास्थ्य विभाग में ठेका पद्धति पर कार्यरत आशा वर्कर और गुट प्रवर्तकों की विभिन्न मांगों को लेकर आयटक की ओर से यहां के गोटूल भवन में सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस दौरान आशा वर्कर और गुट प्रवर्तकों ने सरकार की कार्यप्रणाली के विरोध में धरना आंदोलन भी किया। अपनी विभिन्न मांगों का ज्ञापन स्थानीय तहसीलदार के जरिए जिलाधिकारी और जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को भिजवाया गया। अपने ज्ञापन में आयटक ने बताया कि, कोरोना संक्रमण के दौरान स्वास्थ्य विभाग ने आशा वर्करों और गुट प्रवर्तकों से विभिन्न कार्य करवाए। जिनका मानधन अब तक प्रदान नहीं किया गया। कर्मचारियों ने अपनी जान की परवाह किये बिना ग्रामीण इलाकों में जनजागरण का कार्य किया। साथ ही कोविड टीकाकरण मुहिम को सफल भी बनाया। बावजूद इसके कर्मचारियों को कोविड कार्य का मानधन प्रदान नहीं किया गया। इन कर्मचारियों के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग द्वारा तकरीबन 78 प्रकार के कार्य करवाए जाते हैं। लेकिन इस कार्य के ऐवज में कर्मचारियों को काफी कम मानधन देय किया गया है। इतना ही नहीं चार-चार माह तक यह मानधन भी देय नहीं किया जाता। स्वास्थ्य वर्धिनी के तहत मासिक 1 हजार रुपए का भत्ता तत्काल देना, बढ़ाया गया मानधन प्रति माह देना, दिवाली बोनस के रूप में हर वर्ष 5 हजार रुपए प्रदान करना, हर माह वेतन चिट्ठी देना, आशा वर्करों और गुट प्रवर्तकों को प्रति माह 24 हजार रुपए मानधन लागू करना, उन्हें सरकारी कर्मचारियों का दर्जा देना, सामाजिक सुरक्षा, पंेशन योजना लागू करना आदि विभिन्न प्रलंबित मांगों को लेकर कर्मचारियों ने धरना आंदोलन किया। आंदोलन में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के तहसील सचिव राजीराम उईके, तहसील अध्यक्ष देशिर घाटघुमर, किरण गजभिये, शालेय पोषण आहार यूनियन के अध्यक्ष अशोक सोनवणे, महेंद्र वाडकर, संगीता गेडाम, सुनिता कराडे, विमल बंसोड, सरीता गेडाम, शारदा काटेंगे समेत बड़ी संख्या में आशा वर्कर और गुट प्रवर्तक उपस्थित थे।
Created On :   16 Nov 2022 1:18 PM IST












