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औरंगाबाद: बच्चों के हौसले को डिगा नहीं पाया कोरोना, पढ़ाई संग सीखी जापानी भाषा

डिजिटल डेस्क, औरंगाबाद । लॉकडाउन से जब दुनिया अपने घरों में सिमट गई थी, तब औरंगाबाद से 25 किलोमीटर दूर जिला परिषद संचालित दो स्कूलों के बच्चे सृजनात्मक प्रयोगों के जरिए नई मंजिल की ओर बढ़ रहे थे। इन बच्चों ने न सिर्फ साधारण डिजिटल संसाधनों के बल पर अपनी पढ़ाई जारी रखी, वरन जापानी भाषा में भी महारत हासिल कर ली। कच्चे और मिट्टी-पानी भरे रास्तों से होकर गुजर कर स्कूल तक पहुंचने वाले बच्चों ने अपनी लगन एवं मेहनत से गजब का आईक्यू स्तर हासिल कर एक मिसाल पेश की है। वे बड़े होकर रोबोटिक्स की दुनिया में खलबली मचाने के इच्छुक हैं तो सुदूर अंतरिक्ष यात्रा के लिए संसाधन एवं तरीके खोजने की भी चाह रखते हैं। हाल ही में जिले की पैठण तहसील के गाड़ीवाट और वरवंडी तांडा स्थित इन स्कूलों के उपक्रमों का राज्य के फलोत्पादन मंत्री संदीपान भूमरे पाटील ने जायजा लिया। उन्होंने जिला नियोजन निधि से इन स्कूलों को सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है।
शहरियों से आगे होंगे गुदड़ी के लाल
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. मंगेश गोंदावले ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा कि पैठण तहसील के वरवंडी तांडा व गाड़ीवाट स्कूलों के विद्यार्थियों में हर चुनौती काे स्वीकार करने की क्षमता है, फिर कोरोना उन्हें कैसे रोकता। स्कूल बंद हुए तो उन्होंने खेतों में तो काम किया ही, अपना जीवन बदलने के लिए समय निकाला और साल भर की पढ़ाई स्कूल बंद होने के बावजूद तीन माह में पूर्ण कर ली। यहां पढ़ने वाले छात्र और छात्राएं अब रोबोटिक्स और नवीनतम टेक्नोलॉजी के गुर सीख रहे हैं। उन्होंने तकनीक की बदौलत अपना आईक्यू बढ़ाया है और वे शहरियों को हराने की भी क्षमता रखते हैं।
टूरिज्म सेक्टर से निकाल सकेंगे पढ़ाई का खर्च
जिला शिक्षा अधिकारी सूरज प्रसाद कहते हैं कि उनका लक्ष्य गांव के सामान्य घरों से आने वाले सभी बच्चों को रोजगारपरक शिक्षा मुहैया कराना है। बच्चे अंग्रेजी भी बोलने लगे हैं। हमें विश्वास है कि अजंता-एलोरा की गुफाएं देखने के लिए बड़ी संख्या में आने वाले जापानी पर्यटकों के चलते उन्हें टूरिज्म सेक्टर से अपनी आगे की पढ़ाई का खर्च निकालने में आसानी होगी।
एक वर्ष में किया कमाल
सीईओ डॉ. गोंदावले ने बताया कि वरवंडी के चार लोगों ने अपनी जमीन स्कूल को दान दी है। गाड़ीवाट के लोगों ने जनसहभागिता से स्कूल में अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं निर्माण करने के लिए 8.5 लाख रु. और वरवंडी तांडा के लोगों ने 6.5 लाख रु. इकट्ठा किए।
गाड़ीवाट स्कूल में अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधा निर्माण करने के लिए 1.30 करोड़ रु. और वरवंडी तांडा के लिए 1.25 करोड़ रु. का प्रावधान जिला नियोजन निधि से किया गया है। जिले में करीब 15 स्कूलों को हम इंटरनेशनल स्कूल बनाने जा रहे हैं। इस कार्य में आर्ट ऑफ लिविंग का भी सहयोग मिल रहा है। बजाज नगर के स्कूल को स्थानीय एनजीओ की मदद मिल रही है।
Created On :   8 Oct 2020 3:37 PM IST