अवनि प्रकरण : एनटीसीए ने कहा- नियमों का नहीं हुआ पालन

Avni Case: NTCA said - Rules not followed
अवनि प्रकरण : एनटीसीए ने कहा- नियमों का नहीं हुआ पालन
अवनि प्रकरण : एनटीसीए ने कहा- नियमों का नहीं हुआ पालन

डिजिटल डेस्क, नागपुर।   वर्ष 2018 के प्रदेश के बहुचर्चित टी-1 अवनि बाघिन शिकार मामले में नेशनल टाइगर कंजरवेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) ने साफ कर दिया है कि प्रदेश वन विभाग ने इस प्रकरण में एनटीसीए द्वारा जारी एसओपी का पालन नहीं किया। इस मामले में गैर-अनुभवी टीम की सेवाएं लेने के कारण संयम का परिचय नहीं िदया गया। इसी तरह एक बार बाघिन को डार्ट मारने के बाद जरूरी एनेस्थिसिया भी नहीं िदया गया। इस पूरी टीम में कोई विशेषज्ञ तक नहीं था। अधूरी तैयारी और सुरक्षा के ही बाघिन को पकड़ने निकली टीम की यही मंशा स्पष्ट होती है कि उनका बाघिन को जिंदा पकड़ने का कोई इरादा ही नहीं था।

सूचनाओं पर अमल नहीं 
एनटीसीए ने तो अपने शपथ-पत्र में यहां तक कहा है कि  5 जनवरी 2018 को बाघिन को एसओपी के तहत जिंदा पकड़ने की सिफारिश की थी। लेकिन इसके बाद 4 सितंबर 2018 को मुख्य वन संरक्षक ने आदेश जारी किया कि बाघिन को बेहोश करने का प्रयास विफल होने पर उसे गोली मार दी जाए। इसके तुरंत बाद 10 सितंबर को वन विभाग ने नवाब शफत अली खान को नियुक्त किया। इस पर भी एनटीसीए ने फिर सलाह दी कि बाघिन को गोली मारने के पहले उसे बेहोश करने के प्रयास किए जाएं। यही नहीं, एनटीसीए ने महाराष्ट्र वन मंत्री को 16 अक्टूबर को पत्र लिख कर सक्षम अधिकारियों द्वारा की काम कराने की सलाह दी थी। साथ ही मामले में गलती करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए राज्य मुख्य सचिव व मुख्य वन संरक्षक को भी सूचना दी गई थी, जिस पर अमल नहीं हुआ है। 

एक सप्ताह में वन विभाग से मांगा जवाब
इस मामले में एनटीसीए का पक्ष सुनकर हाईकोर्ट ने वन विभाग को एक सप्ताह में उत्तर प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं। मामले में याचिकाकर्ता अर्थ ब्रिगेड फाउंडेशन की ओर से एड.श्रीरंग भंडारकर व एड.सेजल लाखानी रेणु ने पक्ष रखा। 
 

Created On :   27 Jan 2021 1:37 PM IST

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