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अवनि प्रकरण : अवमानना की कार्रवाई से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार किया
डिजिटल डेस्क,नागपुर। वन विभाग ने बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में शपथ-पत्र दायर करके अर्थ ब्रिगेड फाउंडेशन द्वारा दायर फौजदारी रिट याचिका पर सफाई दी है। कहा कि इस मुद्दे पर पहले ही देश की सर्वोच्च अदालत का फैसला आ चुका है। कुछ पशु प्रेमियों ने देश की सर्वोच्च अदालत में अवनि बाघिन के शिकार का मुद्दा उठाकर वन विभाग पर कोर्ट की अवमानना के आरोप लगाए थे। इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने अवमानना कार्रवाई चलाने से साफ इनकार कर दिया था। कोर्ट का मानना था कि उस याचिका में तथ्य नहीं थे। अंतत: याचिकाकर्ता ने याचिका वापस ले ली थी। वन विभाग के अनुसार, नागपुर खंडपीठ में दायर याचिका में भी वन विभाग पर ऐसे ही फिजूल आरोप लगाए गए हैं। चूंकि देश का सर्वोच्च न्यायालय इस मामले में अपना फैसला सुना चुका है। इसे ध्यान में रखकर नागपुर खंडपीठ को भी योग्य निर्णय लेना चाहिए। मामले में हाईकोर्ट ने 18 मार्च को सुनवाई रखी है।
यह है मामला : याचिकाकर्ता ने नागपुर खंडपीठ में फौजदारी रिट याचिका दायर कर मामले की एसआईटी जांच की मांग की है। साथ ही हाईकोर्ट से विनती की है कि वे अवनि को गोली मारने वाले शूटर शफत अली खान, असगर अली खान, उपवनसंरक्षक मुखबीर शेख, पशु वैद्यकीय अधिकारी डॉ. बी.एम. कडू के खिलाफ फौजदारी कार्रवाई शुरू करने के आदेश राज्य सरकार और एनटीसीए को जारी करे। याचिकाकर्ता के अनुसार, प्रदेश में वन्य क्षेत्रों में मानवी दखल खासा बढ़ गया है। इसी चलते यवतमाल के पांढरकवड़ा में 13 लोगों की मृत्य हो गई। वन विभाग ने बगैर पुष्टि किए बाघिन अवनि को इन हादसों का जिम्मेदार मान लिया और उसे गोली मारने के आदेश जारी किए गए। इस दौरान कोर्ट के आदेश और दिशा-निर्देशों का भी खूब उल्लंघन किया गया। मामले में याचिकाकर्ता की ओर से एड.श्रीरंग भंडारकर व एड.सेजल लाखानी रेणु ने पक्ष रखा। वन विभाग की ओर से एड. कार्तिक शुकुल ने पक्ष रखा।
Created On :   10 March 2021 9:17 AM GMT