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स्कूल स्तर से ही बच्चों को यौन उत्पीड़न के प्रति जागरुक करे राज्य महिला आयोग : हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य महिला आयोग स्कूल स्तर से ही बच्चों को यौन उत्पीड़न के प्रति जागरुक करे। स्कूल में जागरुकता की शुरुआत कक्षा सातवीं में पढ़ने वाले बच्चों से की जाए। ताकि वे यौन उत्पीड़न को लेकर भविष्य में सतर्क रहें। बांबे हाईकोर्ट ने बुधवार को सामाजिक कार्यकर्ता विहार ध्रुवे की ओर से दायर की गई जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह सुझाव दिया। याचिका में आयोग के रिक्त पदों को भरने का निर्देश देने व उसे जरुरी सुविधाएं व संसाधन मुहैया कराने का आग्रह किया गया है।
वेबसाइट में शिकायती फार्म को अपलोड
इससे पहले आयोग की एक महिला अधिकारी ने जस्टिस नरेश पाटील व जस्टिस गिरीष कुलकर्णी की बेंच के सामने कहा कि हमने यौन उत्पीड़न विरोधी जागरुकता अभियान शुरु किया है। इसके तहत हम कार्यस्थलों में काम करनेवाली महिलाओं व कालेज के विद्यार्थियों को जागरुक कर रहे है। जगह-जगह कार्यशलाएं व इसको लेकर प्रदर्शनी लगाई जा रहा है। आयोग ने इस संबंध में पोस्टर भी जारी किए है।
महिला अधिकारी ने कहा कि यौन उत्पीड़न व महिलाओं पर होने वाले उत्पीड़न की शिकायत के लिए वेबसाइट में शिकायती फार्म को अपलोड किया जा सकता है। इससे लोग हमारे पास आनलाइन शिकायत भेज सकते हैं। इसके अलावा हमने शिकायत के लिए मोबाइल "एप" भी बनाया है। ग्रामीण इलाकों में रहने वाली महिलाओं की मदद के लिए हम अपने साथ गैर सरकारी संस्थाओं को जोड़ने की तैयारी भी कर रहे है। उन्होंने कहा, आयोग के पास सबसे ज्यादा घरेलू हिंसा की शिकायतें आ रही हैं। आयोग के लिए जरुरी स्टाफ को लेकर भी सरकार से हमे कुछ मंजूरियां मील चुकी हैं। जल्द ही रिक्त पदों को भरने का प्रस्ताव सरकार के पास भेजा जाएगा।
स्कूल स्तर से ही जागरुकता फैलाएं
सरकारी अधिकारी से मिली इस जानकारी के बाद बेंच ने कहा कि आयोग यौन उत्पीड़न को लेकर बच्चों में स्कूल स्तर से ही जागरुकता फैलाए। क्योंकि कई बार कॉलेज के बच्चे जागरुकता से जुड़ी बातों को नजरअंदाज करते है। यदि स्कूल से ही बच्चे जागरुक रहेंगे बेहतर होगा। बेंच ने कहा कि आयोग समाधान केंद्र के रुप में काम करे। आयोग स्त्री के साथ पुरुष के पक्ष को भी सुने और उन्हें अलग होने के बजाए इकट्ठा रहने का सुझाव दे।
Created On :   28 Feb 2018 10:54 PM IST