सैनेटरी पैड के हैं ये नुकसान, जानकर रह जाएंगे हैरान, महिलाओं को बताए कई फायदे

awareness campaign for reusable cloth pads and menstrual cups
सैनेटरी पैड के हैं ये नुकसान, जानकर रह जाएंगे हैरान, महिलाओं को बताए कई फायदे
सैनेटरी पैड के हैं ये नुकसान, जानकर रह जाएंगे हैरान, महिलाओं को बताए कई फायदे

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पर्सनालिटी डेवलपमेंट ट्रेनर लीना सुराणा ने कहा कि सैनिटरी नैपकिन से शरीर ही नहीं, पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है। इससे बचने के लिए स्वास्थ्य और पर्यावरण की दृष्टि से महत्वपूर्ण रीयूजेबल क्लाथ पैड और मेन्स्ट्रुअल कप्स का उपयोग किया जाना चाहिए। वर्धमान नगर के श्री संभवनाथ अपार्टमेंट, भंडारा रोड में ‘रीयूजेबल क्लाथ पैड और मेन्स्ट्रुअल कप्स’ विषय पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन  किया गया। इस अवसर पर बतौर वक्ता बालाघाट स्थित ‘स्कूल आॅफ रियल लर्नर्स’ की प्रमुख लीना सुराणा बोल रही थीं। मुख्य अतिथि डॉ. नीलम पुनियानी तथा डॉ. पंखुड़ी मुल्तानी थीं। कार्यक्रम की आयोजिकाएं ज्योति बैद, पिंकी मेहता, चंदन कोटेचा तथा कमलादेवी जैन थीं। इस अवसर पर बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित थीं।

800 वर्ष तक नष्ट नहीं होता
लीना सुराणा ने कहा कि एक महिला को पूरे जीवन में करीब 35 साल तक पीरियड आते हैं। एक महिला 150 किलो वेस्ट फेंकती है, जो नॉन बॉयोडिग्रेडेबल है। सैनिटरी नैपकिन 800 साल तक नष्ट नहीं होंगे। नैपकिन को जलाने पर हानिकारक रसायन निकलता है, जिससे हवा प्रदूषित होती है। सभी पैड कैमिकल युक्त हैं। पैड में उपयोग में लाया जाने वाला कॉटन ब्लीच किया गया है। इसमें कॉटन कम होता है। इसके कारण थायराइड, डायबिटीज, बांझपन,  रैशेज, फोड़े और इंफेक्शन आदि परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

कपड़ों का उपयोग सुरक्षित
उन्होंने कहा कि पुराने जमाने में महिलाएं कपड़ों का उपयोग करती थीं, जो सैनिटरी नैपकिन से अधिक सुरक्षित है। इन कपड़ों को धोने के बाद अच्छे से सुखाया जाए। इसके अलावा रीयूजेबल क्लाथ पैड और मेन्स्ट्रुअल कप्स का भी उपयोग किया जा सकता है। रीयूजेबल क्लाथ पैड को धोकर इस्तेमाल कर सकते हैं। यह शरीर और पर्यावरण के लिए नुकसानदायक भी नहीं है। रियूजेबल क्लाथ पैड का निर्माण उस काॅटन से किया गया है, जिसके पेड़ में खाद का उपयोग नहीं किया गया।

मेन्स्ट्रुअल कप्स मेडिकल ग्रेड सिलीकॉन से बना है। इसका उपयोग 8 साल तक किया जा सकता है। इसे धोकर उपयोग में लाना है। डॉ. नीलम पुनियानी और डा. पंखुड़ी मुल्तानी ने भी रीयूजेबल क्लाथ पैड और मेन्स्ट्रुअल कप्स का समर्थन करते हुए कहा कि यह आज की आवश्यकता है। सैनिटरी पैड से होने वाले नुकसान ने बचने के लिए रीयूजेबल क्लाथ पैड और मेन्स्ट्रुअल कप्स एक बेहतर विकल्प है।

Created On :   24 May 2018 1:59 PM IST

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