मदद से दूर कलाकारों की व्यथा, कोरोना से पहले भूख ही हमें मार डालेगी

Away from help, the agony of the artists, before hunger will kill us
मदद से दूर कलाकारों की व्यथा, कोरोना से पहले भूख ही हमें मार डालेगी
मदद से दूर कलाकारों की व्यथा, कोरोना से पहले भूख ही हमें मार डालेगी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। डिजिटल और ऑनलाइन युग से दूर विदर्भ में कला-परंपराओं की विरासत संभालने वाले पुराने कलाकार लॉकडाउन के कारण भारी आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। नागपुर जिले में करीब 2 हजार कलाकार ऐसे हैं, जिन्हें एक साल से केंद्र सरकार से मानधन नहीं मिला है। अब लॉकडाउन ने मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। सभी तरह के कार्यक्रम बंद होने से आय के सभी साधन बंद हो गए हैं। सबकी एक समान स्थिति होने से कोई मदद भी नहीं कर पा रहा है। कई परिवारों पर भूखे रहने की  नौबत आ गयी है। ये सभी कलाकार 50 की उम्र पार कर चुके हैं। परिवार की बड़ी जिम्मेदारी इन पर है। जिस कारण ये खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं। मदद के लिए अनेक हाथ बढ़े हैं, लेकिन इन तक कोई नहीं पहुंचा है।

कोरोना वायरस ने जनजीवन सहित अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया है। मजदूर से लेकर हर मेहनतकश वर्ग संकट में है। पुरानी कलाओं को संजोने वाले भी विपरीत परिस्थिति में गुजर-बसर के लिए मजबूर हैं। ग्रामीण क्षेत्र और शहरी क्षेत्र में अपनी कला के जरिए समाज का प्रबोधन करने वाले शाहीर कलाकार कोरोना की वजह से दिक्कत में पड़ गए हैं। गर्मियों  का सीजन इनके लिए कमाई का वक्त होता है। गर्मी के चार माह में ही ये साल भर की कमाई कर परिवार का भरण-पोषण करते हैं। कोराेना की वजह से सभी प्रकार के कलाकारों के कार्यक्रम रद्द हो गए हैं। अब इन कलाकारों पर भूखे मरने की नौबत आ गई है। इन कलाकारों ने शासन-प्रशासन से मदद की मांग की है। नागपुर जिले में ऐसे कलाकार करीब दो हजार हैं। ये सभी कलाकार खड़ी गम्मत, तमाशा, भजन-कीर्तन, लावणी, डहाका, गोंधल के माध्यम से समाज प्रबोधन कर समाज जागृति का काम करते हैं। उसी प्रकार शासन-प्रशासन के जनहित के कार्यक्रम लोगों तक पहुंचाने का कार्य करते हैं।

सरकार के कदम सराहनीय, पर हमारे सामने जीवन-यापन का प्रश्न
नागपुर के शाहीर नरहरि उर्फ नरेश वासनिक ने कहा कि, कोरोना वायरस महामारी से बचने के लिए सरकार के ओर से उठाए गए कदम सराहनीय हैं। हम नागपुर और विदर्भ के सभी कलाकार आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग करने का वचन देते हैं। सरकार से हम निवेदन करते हैं कि शाहीर कलाकारों को जीवन-यापन करने के लिए सानुग्रह राशि प्रदान करने की कृपा करें। उसी प्रकार केंद्र सरकार शाहीर कलाकारों को प्रति माह पेंशन देती है, लेकिन एक साल हो गया है, कलाकारों का पेंशन रुकी पड़ी है, वो तक नहीं मिली है। जिस कारण कलाकारों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शाहीर नरहरि उर्फ नरेश वासनिक, शाहीर राजकुमार गायकवाड ,शाहीर निनाद बागड़े, ललकार शाहीर, शाहीर मानेराव गुरुजी, शाहीर सिद्धार्थ, शाहीर माणिकराव देशमुख, भजन गायिका शोभा वासनिक, मंजूषा बागड़े, माधुरी गायकवाड़, शाहीर सुबोध, शाहीर राजेन्द्र बावंकुदे, शाहीर भिवगड़े ने सरकार से निवेदन किया है कि, कलाकारों की रुकी हुई पेंशन उनके बैंक खातों में जमा करने की कृपा करें।
 

 

Created On :   8 May 2020 4:21 PM IST

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