बंद कमरे में जलाई सिगड़ी, दम घुटने से मासूम की मौत

Hearth burnt in closed room, innocent death due to Smothering
बंद कमरे में जलाई सिगड़ी, दम घुटने से मासूम की मौत
बंद कमरे में जलाई सिगड़ी, दम घुटने से मासूम की मौत

डिजिटल डेस्क, शहडोल। ठण्ड से बचने के लिए जलाए जाने वाला कोयला का धुआं जानलेवा साबित हो रहा है। धुएं की चपेट में आने से दस दिनों के भीतर तीन लोग जान गवां चुके हैं। ताला मामला बुढ़ार थानांतर्गत ग्राम धनपुरा में सामने आया है, जिसमें डेढ़ साल का सुमित रजक जान गवां बैठा तथा उसकी मां सुभद्रा रजक व 3 साल की बेटी जिला चिकित्सालय में उपचार ले रहे हैं।

सुबह मिले अचेत -
हासिल जानकारी के मुताबिक घर के अंदर कोयले की सिगड़ी जलाकर सोमवार को खाना खाकर रजक परिवार के लोग सो गए। कमरे के अंदर रखी कोयले की सिगड़ी बाहर रखना भूल गए। पिता बाहर सोए थे। सुबह उठकर देखा कि पुत्री मुस्कान, बेटा सुमित व पत्नी सुभद्रा अचेत अवस्था में पड़े हैं। माजरा समझ में आते ही सभी को जिला चिकित्सालय लाया गया, जहां सुमित को मृत घोषित कर दिया गया, जबकि मां व बेटी का उपचार शुरु कराया गया।

मां-बेटी की हुई थी मौत-
इसके पूर्व 16 जनवरी को भी ऐसी घटना में मां व उसकी बेटी कमरे के अंदर मृत हो चुके हैं। ओपीएम के एचआर संजय सिंह के सर्वेंट कर्वाटर में 35 वर्षीय अनीता केवट व उसकी 10 वर्षीय बेटी प्राची की बंद कमरे मे मौत हुई थी। इसका कारण भी कोयले से निकली जहरीली गैस को बताया गया था। घर के अंदर कोयले की सिगड़ी जलाकर  परिवार के लोग सो गए।

सांसों से शरीर में समा जाती है गैस -
बुढ़ार के खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ. सचिन कारखुर के अनुसार यदि कमरे में गैस निकलने की जगह नहीं है तो कोयले के जलने के बाद उससे निकलने वाली कार्बन मोनोऑक्साइड गैस जहरीली होकर कार्बन डाइऑक्साइड के रूप में सांसों के द्वारा शरीर में समा जाती है। यही गैस मौत का कारण बन जाती है। इसलिए कोयला सिगड़ी जलाकर  कभी भी बंद कमरे में नहीं रखना चाहिए।

 

Created On :   30 Jan 2019 1:13 PM IST

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