भ्रष्टाचार के मामले सामने लाने में पिछड़े, 5 साल में 45 को ही मिली सजा

Backward in bringing corruption cases, only 45 were punished in 5 years
भ्रष्टाचार के मामले सामने लाने में पिछड़े, 5 साल में 45 को ही मिली सजा
भ्रष्टाचार के मामले सामने लाने में पिछड़े, 5 साल में 45 को ही मिली सजा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने 5 साल में विविध सरकारी विभागों के कर्मचारियों द्वारा किए गए भ्रष्टाचार के 596 मामले सामने लाए, जिसमें से अब तक केवल 45 आरोपियों को ही सजा मिल सकी है। 248 आरोपी बरी हो चुके हैं। 31 दिसंबर 2020 तक भ्रष्टाचार से संबंधित 876 मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं। भ्रष्टाचार में पकड़े गए कर्मचारियों से जब्त राशि की बात करे तो 2020 में वन विभाग आगे है। आरटीआई में यह खुलासा हुआ है। 

सबसे ज्यादा रिश्वत के मामले
आरटीआई एक्टिविस्ट अभय कोलारकर को आरटीआई में मिली जानकारी के अनुसार एसीबी ने 1 जनवरी 2016 से 31 दिसंबर 2020 (पांच साल) में रिश्वत, शासकीय सेवा में रहते हुए गैरकानूनी तरीके से अर्जित की गई संपत्ति व भ्रष्टाचार के कुल 596 मामले सामने लाए। सबसे ज्यादा 549 मामले रिश्वत लेने के हैं। अब तक 45 आरोपियांे को ही सजा मिली है। 248 आरोपी सबूतों के अभाव में बरी हो गए। एसीबी द्वारा कोर्ट में पेश किए गए 876 मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं। तीन साल से कमवाले 168 आैर तीन साल से ज्यादा वाले 708 मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं। 

जिला परिषद भी पीछे नहीं 
एसीबी को रिश्वत के मामले में जिन आरोपियों से इस साल सबसे ज्यादा पैसे की जब्ती हुई, उनमें वन विभाग शामिल है। 2020 में वन विभाग के भ्रष्ट कर्मचारियों से 2 लाख 67 हजार 650 रुपए जब्त किए गए। इसके पूर्व 2017 में भी वन विभाग के कर्मचारियों से 3 लाख 85 हजार 8 सौ रुपए जब्त किए गए थे, जो उस साल का रिकार्ड था। 2018 में जिला परिषद के भ्रष्ट कर्मियों से 6 लाख 9 हजार 5 सौ रुपए आैर 2019 में राजस्व विभाग के भ्रष्ट कर्मियों से 3 लाख 15 हजार 3 सौ रुपए जब्त किए गए थे।
 

Created On :   3 Feb 2021 2:33 PM IST

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