खराब वेंटिलेटर्स बदलने होंगे, मरीजों पर प्रयोग की अनुमति नहीं

Bad ventilators will have to be replaced, patients are not allowed to be used
खराब वेंटिलेटर्स बदलने होंगे, मरीजों पर प्रयोग की अनुमति नहीं
खराब वेंटिलेटर्स बदलने होंगे, मरीजों पर प्रयोग की अनुमति नहीं

डिजिटल डेस्क, औरंगाबाद। बाॅम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद खंडपीठ ने कहा है कि अगर केंद्र की ओर से महाराष्ट्र काे खराब वेंटिलेटर्स की आपूर्ति की गई है ताे इन्हें बदला जाना चाहिए। न्यायमूर्ति रवींद्र घुगे व न्यायमूर्ति बीयू देबड़वार की पीठ ने काेराेना मरीजाें के इलाज और महामारी प्रबंधन से जुड़ी याचिकाओ पर सुनवाई करते हुए स्पष्ट किया कि मरम्मत किए गए वेंटिलेटर्स काे काेराेना मरीजाें पर आजमाने की अनुमति नहीं दे सकते हैं। इससे जान जा सकती है। हाईकाेर्ट ने केंद्र से कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि केंद्र सरकार इन वेंटिलेटर्स काे बदलेगी।

7 जून को होगी अगली सुनवाई
शुरुआत में मुख्य सरकारी वकील डीआर काले ने 29 मई को 21 लोगों की एक टीम द्वारा किए गए इन वेंटिलेटर्स के मुआयने की रिपोर्ट पेश की। इस टीम में वेंटिलेटर्स उत्पादक व आपूर्तिकर्ताआंे के प्रतिनिधि, सीडीएससीओ प्रतिनिधियों के साथ एम्स नागपुर के प्रतिनिधि भी शामिल थे। मुआयने में वेंटिलेटर्स में कई गंभीर खामियां पाई गईं। बताया गया कि घाटी अस्पताल में ऐसे वेंटिलेटर्स चलाने के लिए प्रशिक्षित २६९ कर्मचारी हैं। हाईकाेर्ट काे बताया कि डाॅक्टराें ने खराब वेंटिलेटर्स की मरम्मत भी कराई, लेकिन वे ठीक से काम नहीं कर रहे। वहीं, केंद्र की ओर से पेश हुए अतिरिक्त साॅलीसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि दिल्ली के राम मनोहर लाेहिया अाैर सफदरजंग अस्पताल के दाे वरिष्ठ डॉक्टर  औरंगाबाद आकर अस्पताल में वेंटिलेटर्स का निरीक्षण करेंगे। अगर उनकी जांच में वेंटिलेटर्स खराब पाए जाते हैं, ताे इन्हें बनाने वाली कंपनी काे बदलने के लिए भेजा जाएगा।

उन्होंने कहा कि इन वेंटिलेटर से किसी के जान जाने का खतरा नहीं है क्योंकि मराठवाड़ा क्षेत्र के अस्पताल इनका इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। पीठ ने सिंह का बयान स्वीकार करते हुए कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि केंद्र सरकार खामी युक्त वेंटिलेटर की आपूर्ति करने वाले उत्पादकों के साथ सख्त होगी। अगर जरूरत हुई तो वह खामी वाले वेंटिलेटर को वापस करने का निर्देश दे सकती है। ऐसी स्थिति में यह केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि वह सुनिश्चित करे कि खामी वाले वेंटिलेटर को बदलकर नए सही वेंटिलेटर स्थापित किए जाएं। पीठ ने दिल्ली के दो डॉक्टरों के दौरे के बाद रिपोर्ट जमा करने के निर्देश के साथ मामले को अगली सुनवाई के लिए सात जून को सूचीबद्ध कर दिया। पिछले हफ्ते काले ने हाईकाेर्ट काे बताया था कि मराठवाड़ा क्षेत्र में केंद्र सरकार ने पीएम केयर्स फंड से 150 वेंटिलेटर्स की अापूर्ति की थी। इनमें से 113 खराब िनकले, जबकि बाकी का पैक ही नहीं खाेला गया। वहीं, केंद्र सरकार ने कहा था कि अस्पताल कर्मचारियाें काे इसे चलाना नहीं अा रहा हाेगा। इस पर हाईकाेर्ट ने केंद्र काे फटकार लगाते हुए कहा था कि डाॅक्टराें पर दाेष मत मढ़ाे।
 

Created On :   3 Jun 2021 11:15 AM IST

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