बालोद : लाल पानी से प्रभावित ग्राम नलकसा में वन अधिकार पट्टाधारी किसानों के जीवन स्तर में आया सुधार

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
बालोद : लाल पानी से प्रभावित ग्राम नलकसा में वन अधिकार पट्टाधारी किसानों के जीवन स्तर में आया सुधार

डिजिटल डेस्क, बालोद। शासन की योजनाओं से कृषि कार्य में मिल रही सुविधा बालोद, 25 जुलाई 2020 बालोद जिले के डौण्डी विकासखण्ड के लाल पानी से प्रभावित ग्राम नलकसा में वन अधिकार पट्टाधारी पन्द्रह किसानों के जीवन स्तर में सुधार आया है। आदिवासी विकास विभाग की उपायुक्त ने बताया कि ग्राम नलकसा में लौह अयस्क प्रचुर मात्रा में होने के कारण किसानों को अपनी जमीन पर खेती कार्य में मुश्किल होता था, जिससे उन्हें बहुत परेशानियों का सामना पूर्व में करना पड़ रहा था। हितग्राहियों को व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र प्राप्ति उपरांत आजीविका संवर्धन के लिए शासन द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ पहुॅचाया गया। जिसमें महात्मा गॉधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना द्वारा वन अधिकार पट्टाधारी किसानों की भूमि पर भूमि सुधार, कुॅआ निर्माण, डबरी निर्माण कार्य व वृक्षारोपण कार्य आदि किए गए। शासन द्वारा ग्राम पंचायत नलकसा में पचास एकड़ की जमीन पर महात्मा गॉधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत फेंसिंग कार्य भी कराया गया। ताकि हितग्राही किसानों के वन अधिकार पट्टे की जमीन पर किसी भी मवेशियों या जानवरों द्वारा फसल की क्षति न पहुॅचाया जा सके। वन अधिकार पट्टाधारी हितग्राही श्री मान सिंह ने बताया कि पहले वे मछली पकड़ने का कार्य करते थे, जिससे उसकी वार्षिक आय लगभग पन्द्रह हजार रूपए थी। वन अधिकार अधिनियम के तहत उसे वनभूमि का कक्ष क्रमंाक-104, रकबा एक हेक्टेयर का वनभूमि पट्टा प्राप्त हुआ। इससे पूर्व वे इस भूमि पर कोदो, कुटकी, कुलथी का उत्पादन कर अपने परिवार का जीवन निर्वाह कर रहा था। फसल को जंगली पशु एवं पालतु पशु भी नुकसान पहुॅचाते थे। वन अधिकार पट्टा प्राप्त होने के पश्चात उक्त भूमि का शासन द्वारा सामूहिक रूप से फेंसिंग कार्य एवं महात्मा गॉधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत भूमि सुधार कार्य, डबरी निर्माण एवं कुऑ निर्माण का कार्य कराया गया। जिससे उसे खेती कार्य करने में सुविधा हुई। उन्होंने बताया कि शासन से उसे स्प्रेयर मशीन, खाद-बीज भी दिया गया। उक्त भूमि में वृक्षारोपण के तहत नीबू, कटहल, अमरूद एवं पॉम का पेड़ भी लगाया है। वर्तमान में राजीव गॉधी किसान न्याय योजना का भी उसे लाभ मिला है। स्वयं की राशि से वे कुॅआ में डीजल पम्प भी स्थापित किया है। सिंचाई कर रोपा के माध्यम से धान की फसल उत्पादन कर रहा है। उन्होंने बताया कि उक्त भूमि पर अब कोदो, कुटकी, कुलथी के अलावा धान की फसल का उत्पादन कर रहा है। जिससे उसे लगभग पन्द्रह क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त हो रहा है। खाने के लिए पर्याप्त अनाज के साथ-साथ अतिरिक्त धान को सोसायटी में भी बेचता है, जिससे उसकी वार्षिक आमदनी तीस हजार रूपए तक बढ़ गई है तथा उसके जीवन स्तर में पहले से काफी सुधार आ गया है। वन अधिकार पट्टाधारी हितग्राही श्री खिलुराम जाति नाई ने बताया कि वे हजामत बनाने का कार्य करता है। वन अधिकार अधिनियम के तहत उसे वनभूमि का कक्ष क्रमांक-102, रकबा 0.83 हेक्टेयर का वनभूमि पट्टा प्राप्त हुआ है। पूर्व में वह उक्त भूमि पर कोदो, कुटकी, मड़िया का उत्पादन कर जीवन निर्वाह कर रहा था। पट्टा प्राप्त होने के पश्चात उक्त भूमि का शासन द्वारा सामूहिक रूप से फेंसिंग कार्य, महात्मा गॉधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी के तहत भूमि सुधार का कार्य व खेत में डबरी निर्माण एवं कुॅआ का निर्माण कराया गया। उक्त भूमि में वृक्षारोपण के तहत नीबू, कटहल, अमरूद का पेड़ भी लगाया है। उक्त भूमि पर वह अब धान की फसल लेता है, जिससे उसे लगभग पॉच से सात क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त होता है। जिससे उसे खाने के लिए पर्याप्त अनाज मिल जाता है। उन्होंने बताया कि अब उसके जीवन स्तर में सुधार आ गया है। इसी प्रकार अन्य हितग्राहियों ने बताया कि पहले वे अपनी जमीन पर किसी भी प्रकार की फसल का लाभ अर्जित नहीं कर पाते थे। लेकिन शासन की महत्वपूर्ण महात्मा गॉधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत उन्हें भूमि सुधार, कुॅआ निर्माण, डबरी निर्माण आदि कार्य का लाभ मिला है, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार आया है।

Created On :   27 July 2020 10:59 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story