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ऑनलाइन लर्निंग पर रोक लगाने शिक्षा विभाग से लगाएं गुहार-कोर्ट

डिजिटल डेस्क, नागपुर। स्कूलों में ऑनलाइन लर्निंग पर रोक लगाने की प्रार्थना करती जनहित याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को राज्य शिक्षा विभाग को निवेदन सौंपने का आदेश दिया है। इमरान इजराइल शेख ने अपनी इस याचिका में राज्य में जारी ऑनलाइन लर्निंग की विसंगतियों का जिक्र करते हुए राज्य सरकार के 15 जून के दिशा-निर्देश पर रोक लगाने की प्रार्थना की थी। याचिकाकर्ता के अनुसार कोरोना संक्रमण के कारण मार्च से नागपुर समेत प्रदेश भर के स्कूल बंद हैं। राज्य सरकार ने हाल ही में स्कूल शुरू करने को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए और 15 जून से नया एकेडमिक सत्र शुरू कर दिया। इसमें स्कूलों को निर्देश दिए गए कि विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ाई करानी है।
सभी के लिए डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराए बिना ही फरमान जारी
याचिकाकर्ता के अनुसार राज्य सरकार ने बगैर सबके लिए डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराए ही ई-लर्निंग का फरमान जारी कर दिया। इससे हुआ यह कि आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों और सक्षम परिवार के विद्यार्थियों के बीच खाई बन गई। खासकर शहरी और ग्रामीण विद्यार्थियों में शिक्षा का भेदभाव हो गया। यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी थी कि ई-लर्निंग के लिए सभी विद्यार्थियों के लिए इंटरनेट, कंप्यूटर और अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराती। आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थी ई-लर्निंग के लिए स्मार्टफोन या लैपटॉप नहीं खरीद सकते। राज्य सरकार के इस रवैये से शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) का उल्लंघन हुआ, जो सभी बच्चों को शिक्षा के समान अवसर उपलब्ध कराने का दावा करता है। याचिकाकर्ता को इस बाबत राज्य सरकार को निवेदन सौंपना होगा। कोर्ट ने इस याचिका का निपटारा कर दिया है। याचिकाकर्ता की ओर से एड.सुमित बोधलकर ने पक्ष रखा।
Created On :   8 July 2020 3:57 PM IST