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नियमों के खिलाफ खोले व्याघ्र प्रकल्प के बैंक खाते

डिजिटल डेस्क, अमरावती। मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प अंतर्गत आनेवाले व्याघ्र संवर्धन विभाग द्वारा 5 अलग-अलग बैंकों में 8 खाते खोले जाने की बात सामने आई है। जिस पर व्याघ्र प्रकल्प के मुख्य लेखा परीक्षक द्वारा सवाल उठाए गए है। मेलघाट व्याघ्र संवर्धन प्रतिष्ठान के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया अचलपुर में बैंक खाते खोलने के बावजूद प्रतिष्ठान की ओर से अलग-अलग बैंकों में यह खाते खोले गए है। जिस पर लेखा परीक्षक की ओर से जवाब तलब किया गया है।
लेक्षा परीक्षक द्वारा विभागीय वन अधिकारी तथा सदस्य, सचिव मेलघाट व्याघ्र संवर्धन प्रतिष्ठान अमरावती को कारण बताओं नोटीस जारी किया गया है। किसी भी खाते में हुए लेनदेन के हिसाब के लिए प्रतिष्ठान की ओर से कार्यालयीन कैशबुक तैयार नहीं की गई है। अलग-अलग खातों की जानकारी भी बहीखाते में मौजूद नहीं है। इन खातों का विवरण बहीखातों में क्यों नहीं दर्ज किया गया। इसको लेकर भी लेखा परीक्षक की आेर से सवाल उठाए गए है।
मेलघाट व्याघ्र संवर्धन प्रतिष्ठान अमरावती से वर्ष 2016-17 से लेकर 2020-21 के दौरान किए गए आर्थिक लेनदेन व कार्यो का बहीखाता लेखा परीक्षक द्वारा मंगवाया गया है। आर्थिक लेनदेन को की गई प्राथमिक जांच में लेखा परीक्षक अोर से अनियमितता किए जाने का संदेह भी व्यक्त किया गया है। इसके अलावा व्याघ्र प्रकल्प की ओर से 20 हजार रुपए प्रतिमाह के वेतन पर नियुक्त किए गए नीजि चाटर्ड अकाऊंटड नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे है।
परिस्थितियों के अनुसार उठाए गए कदम
मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प के तत्कालीन कार्यकारी संचालक व सदस्य सचिव की ओर से परिस्थिति के अनुसार ही कदम उठाए गए थे। जो बैंक खाते खोले गए है। उनमें से कुछ को बंद भी कर दिया गया है। मुख्य लेखा परीक्षक की ओर से जिन मुद्दों को लेकर जानकारी मांगी गई है। उसका उन्हें स्पष्टीकरण उपलब्ध कराया जा रहा है।
एम.एन. खेरनाथ, विभागीय वन अधिकारी
Created On :   14 Jan 2022 1:05 PM IST