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बीसीएमजी ने वकीलों को दी राहत, सनद सौंप दूसरे काम-धंधे कर सकेंगे

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना संकट के बीच बार कॉउन्सिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा (बीसीएमजी) ने वकीलों को राहत दी है। इसके अंतर्गत वकील अब अपना सनद (वकालत का लाइसेंस) बीसीएमजी को सौप कर दूसरा कार्य कर सकते हैं। भविष्य में यदि उन्हें दोबारा वकालत करनी होगी तो उन्हें सनद लेने के लिए 25 हजार रुपए के शुल्क का भुगतान नहीं करना पड़ेगा। बीसीएमजी के चेयरमैन सुभाष घाडगे ने यह जानकारी दी है।
उन्होंने बताया कि अधिवक्ता अधिनियम 1961 के तहत सनद रखते हुए ऐसे पेशे से जुड़ने पर रोक लगाई गई है जो वकालत के पेशे की प्रतिष्ठा को धूमिल करताहो। लेकिन कोरोना संकट के मद्देनजर वकीलो को सनद सौपने के बाद कारोबार और नौकरी करने की अनुमति होगी और जब वे दोबारा प्रैक्टिस में आना चाहेगे तो उन्हें रिएड्मिसन के लिए 25 हजार रुपए का भुगतान नहीं करना पड़ेगा। बार कॉउन्सिल ऑफ इंडिया की मंजूरी के बाद यह कदम उठाया गया है। बीसीएमजी से करीब एक लाख 86 हजार पंजीकृत सदस्य हैं। श्री घाडगे ने बताया कि इस बारे में उनके सामने एक निवेदन पेश किया गया था। जिसके बाद बीसीएमजी ने वकीलों को राहत देने के संबंध में हाल में एक प्रस्ताव पारित किया है।
गौरतलब है कि लॉकडाउन के चलते जो वकील सिर्फ हलफनामा तैयार करने, न्यायालय जाकर आदेश की प्रमाणित प्रति लेने जैसे दूसरे कार्य करते थे। उनका कार्य पूरी तरह से बंद है। कई वकील काम के अभाव में उत्तरप्रदेश व राजस्थान चले गए हैं। क्योंकि कोर्ट में अभी भी सिर्फ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सिर्फ जरुरी मामलों की ही सुनवाई हो रही है। इसलिए वकीलों को बीसीएमजी के इस निर्णय से राहत मिलेगी
Created On :   11 July 2020 5:29 PM IST