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"बेस्ट' के पास होगा दुनिया में सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक बसों का बेडा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। 1873 में ब्रिटिशकाल में बम्बई में ट्राम चलाने के लिए एक कम्पनी बनी जिसका नाम था "बांबे ट्रामवे कंपनी लिमिटेड"। पहले ट्राम घोड़े से खींची जाती थीं। फिर नवम्बर, 1905 में इस कम्पनी ने महानगर के वाडी बन्दर में एक थर्मल पावर स्टेशन चालू किया। इस पावर स्टेशन से ट्राम को बिजली दी गयी और साथ ही शहर को भी बिजली आपूर्ति शुरु हुई। इस कम्पनी का नाम बांबे इलेट्रीक सप्लाई एंड ट्रामवे कंपनी रखा गया। 1926 में इस कंपनी ने मोटर बस आपरेट करना भी शुरु कर दिया। आजादी के बाद 1947 में यह कंपनी मुंबई मनपा के अधीन आ गई औरइसका नाम बांबे इलेक्ट्रीक सप्लाई एंड (बेस्ट) रखा गया। आज बेस्ट की बसें दुनिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले शहरों में से एक मुंबई की जीवन रेखा बनी हुई है। बेस्ट की मौजूदा स्थिति, पर्यावरण संरक्षण में कंपनी की भूमिका और भविष्य की योजनाओं को लेकर "दैनिक भास्कर"ने बेस्ट के महाप्रबंधक लोकश चंद्रा से बातचीत की।
-बेस्ट की बसें मुंबई महानगर के लिए बड़ी सौगात मानी जाती हैं। हालमें बेस्ट बसों में यात्रियों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। इसके लिए आप ने क्य़ा उपाय किए?
-बेस्ट प्रशासन ने बस यात्रियों की सुविधा के लिए कई नई योजनाएं शुरू की हैं। बेस्ट बसों में सबसे कम किराया होने के अलावा, हमने अपने यात्रियों के लिए कई डिजिटल पहल की शुरुआत की है, जैसे कि लाइव ट्रैकिंग, मोबाइल टिकट और मोबाइल पास के साथ बेस्ट चलो ऐप की शुरुआत तथा वॉलेट और पास स्टोरेज सुविधा के साथ बेस्ट चलो स्मार्ट कार्ड और एनसीएमसी कार्ड जैसी सेवाओं ने बसों की यात्रा तथा भुगतान को सहज बना दिया है।हमने शहर की मांग को पूरा करने के लिए अपने फ्लीट का अच्छी तरह से उपयोग करने के लिए अपने बस मार्गों को अनुकूलित किया है।
-बेस्ट की बसे भी इलेक्ट्रिक हो रही हैं। इससे पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी। फिलहाल कितनी बसें इलेक्ट्रिक हो चुकी हैं और कब तक बेस्ट की सारी बसे बिजली से चलने लेगेंगी। इस दिशा में भविष्य की क्या योजना है?
-पर्यावरण की रक्षा के अपने प्रयास में, बेस्ट ने अपने बेडे में इलेक्ट्रिक बसों को शामिल करने का फैसला किया है और बेस्ट आज पूरे देश में सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक बसें चला रहा है। बेस्ट का लक्ष्य 2026 तक इलेक्ट्रिक बसों का एक पूर्ण फ्लीट यानी 10 हजार इलेक्ट्रिक बसें चलाने का है।
-बेस्ट की डबल डेकर बसे इस शहर के लिए आयकॉन जैसी हैं। डबल डेकर बसे भी इलेक्ट्रिक हो रही हैं। कब तक मुंबई में चलने वाली सारी डबल डेकर बसें इलेक्ट्रिक में तब्दील हो जाएंगी?
-बेस्ट का लक्ष्य 2026 तक भविष्य में पूरी फ्लीट यानी 10,000 इलेक्ट्रिक बसें चलाने का है। साथ ही सभी डबल डेकर बसों को भी इलेक्ट्रिक में बदला जाएगा।
-बेस्ट ने हाल ही में अपने बसों के किराए में कमी की है। इससे बेस्ट को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा होगा? अथवा यात्रियों की संख्या बढ़ाने के लिए यह रणनीति कारगर साबित हुई है?
-बेस्ट जनता की सेवा करने वाली एक सरकारी संस्था है। इसका उद्देश्य लाभ कमाना नहीं है। बेस्ट को बृहन्मुंबई नगर निगम और राज्य सरकार से वित्तीय सहायता मिलती है।
-कम किराए, डिजटलीकरण के माध्यम से निर्बाध यात्रा अनुभव और बसों की अच्छी आवृत्ति के कारण यात्रियों की संख्या बढ़ रही है। यात्रियों के बढ़ने का सीधा असर राजस्व पर पड़ता है इसलिए यह हमारे हित में है।
-बेस्ट यात्री सुविधाओं की दिशा में तेजी से डिजिटल हो रही है। इसे बेस्ट के यात्रियों का कितना प्रतिसाद मिल रहा है?
-यह पूरे देश में डिजिटल सेवा प्रदान करने वाला पहला सरकारी संगठन है। इस सेवा को मुंबई के यात्रियों ने खूब सराहा है। बेस्ट चलो ऐप के 30 लाख से अधिक डाउनलोड हो चुके हैं और हमने शहर में 4.5 लाख से अधिक बेस्ट चलो स्मार्ट कार्ड बेचे हैं। अक्टूबर में, हमने अपनी बसों में 10.84 मिलियन डिजिटल टिकट संसाधित किए और यह संख्या लगातार बढ़ रही है। हम डिजिटल यात्रा को प्रोत्साहित करने के लिए कई पहल कर रहे हैं।
परिवहन और बिजली आपूर्ति कि दिशा में आप की भविष्य़ की क्य़ा योजनाएं हैं?
-बेस्ट हमेशा मुंबईवासियों को कम कीमत पर अत्याधुनिक सेवा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। हमने 2026 तक अपने फ्लीट को 10 हजार बसों तक बढ़ाने का भी वादा किया है, वे सभी इलेक्ट्रिक बस होगी।और ये सभी बस 100 प्रतिशत सौर ऊर्जा से संचालित हैं।मुंबई को दुनिया के सबसे बड़े और हरित बस फ्लीट में से एक होने पर गर्व है। हमने ऐप आधारित इलेक्ट्रिक प्रीमियम बस को संचालित करने के लिए एक पहल की है, यह सेवा एक निजी वाहन की मामूली कीमत पर मुंबईवासियों को सर्वश्रेष्ठ यात्रा अनुभव प्रदान करने के लिए उच्चस्तरिय सुविधाओं से लैस है। लास्ट माइल कनेक्टिविटी को हल करने के लिए, हम प्रमुख बस स्टेशनों और बस स्टॉप पर मुंबईकरों के लिए ई-बाइक पेश कर रहे हैं, 100 प्रतिषत डिजिटल बसें संचालित, यात्री टैप-इन टैप-आउट सुविधा का उपयोग करके बस में चढ़ और उतर सकते हैं।
Created On :   12 Nov 2022 7:27 PM IST