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केंद्र की भारतमाला परियोजना: विदर्भ को बड़ा फायदा, सेंटर पॉइंट बनेगा नागपुर
जिटल डेस्क, नागपुर/नई दिल्ली। केंद्र की महत्वाकांक्षी परियोजना भारतमाला देश ही नहीं बल्कि विदर्भ की भी तस्वीर बदलकर रख देगी। पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई में एनडीए ने स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना के जरिए देश को एकसूत्र में बांधने का संकल्प लिया था। जिसे अमली जामा पहनाया जा रहा है। जिसके बाद भारत में विदेश की तरह लंबा सफर आसानी से किया जा सकेगा। इसके पहले फेज के तहत कुछ मुख्य मार्गों को चार लेन का किया जाएगा। मसलन जापान जैसे देश के फोर-लेन हाइवे पर एक दिन में करीब 40,000 वाहन स्पीड से चल सकते हैं। लेकिन भारत में हाइवे पर 20,000 वाहन ही चल पाते हैं। एसे में हाइवे की लेन बढ़ानी पड़ती है।
देशभर में इस परियोजना को 5.35 लाख करोड़ की लागत से मुकम्मल किया जाएगा। इसके तहत 34,800 किलोमीटर राजमार्गों का निर्माण होगा। पहले चरण में आर्थिक गलियारे के रूप में 9,000 किमी सड़क विकसित की जाएगी। हालांकि ये परियोजना के लिए काफी फायदेमंद साबित होगी। खासकर नागपुर देश के बीचो बीच हैं, जो सीधे तौर से बिछने वाले बड़ी सड़कों के जाल में अहम पाइंट होगा। इस कड़ी में नागपुर से सूरत और इंदौर के बीच आर्थिक कॉरिडोर बनाया जाएगा। इसी तरह सूरत-नागपुर (593 किमी), सोलापुर-नागपुर (563 किमी), इंदौर-नागपुर (464 किमी) मार्ग जोड़ा जाएगा। इसी प्रकार इस परियोजना के तहत 7,961 किलोमीटर लंबा 65 अंतर-कॉरिडोर बनाया जाना है। प्रस्तावित अंतर-कॉरिडोर की सूचि में नागपुर-नरसिंहपुर (212 किमी), वर्धा-कारंजा (122 किमी), फीडर मार्ग के तहत कुल 115 स्ट्रेच को शामिल किया गया है, इनमें नागपुर-चंद्रपुर के बीच 134 किमी मार्ग जुड़ेगा। इसके अलावा नासिक-पुणे (210), दौंड-अहमदनगर –शिरडी (177), नांदेड़-निर्मल (120), हिंगोली-मेहकर (119 किमी) कॉरिडोर भी शामिल है।
विकसित देशों ने अपनाया कॉन्सेप्ट
विकसित देशों में यह कॉन्सेप्ट अपनाया गया है। ऐक्सेस कंट्रोल्ड हाइवे में घुसने और निकलने के पॉइंट्स कम होते हैं। जिससे गाड़ियों की स्पीड प्रभावित नहीं होती। भारतमाला में 44 आर्थिक कॉरिडोर, 35 लॉजिस्टिक पार्क, सात हजार किलोमीटर से अधिक का अंतर कॉरिडोर और फीडर मार्ग, पांच हजार किलोमीटर राष्ट्रीय कॉरिडोर क्षमता में सुधार, दो हजार किलोमीटर तटीय और बंदरगाहों को जोड़ने वाली सड़कें, 800 किलोमीटर नए ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे के अलावा शेष 10 हजार किलोमीटर एनएचडीपी से जुड़ी सड़कें शामिल होगीं।
परिवहन होगा सुगम
केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितीन गडकरी के मुताबिक इससे देश को न केवल आसान और तेज परिवहन हासिल होगा, बल्कि करोड़ों को रोजगार भी उपलब्ध होगा। भारतमाला परियोजना को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी दी गई है। गडकरी ने बताया कि भारतमाला के लिए इतनी बड़ी रकम की व्यवस्था कई तरीकों से की जाएगी। जिसमें कर्ज, पीपीपी, केन्द्रीय सड़क निधि, सड़क परियोजनाओं के लिए मौद्रीकरण (टीओटी) और एनएचएआई के टोल संग्रह जैसे माध्यम शामिल हैं।
बड़े कॉरिडोर में नागपुर, बनेंगे रिंग रोड
भारतमाला परियोजना के तहत मुंबई–कोलकाता (1854 किमी), मुंबई-कन्याकुमारी(1619), पुणे-विजयवाड़ा (906), पुणे-औरंगाबाद (222 किमी) मार्ग शामिल हैं। इससे दुर्घटनाओं में खासी कमी आएगी। इसी तरह सरकार ने सागरमाला परियोजना के तहत 28 शहरों में रिंग रोड बनाने का प्रस्ताव है। जिन शहरों में रिंग रोड बनाया जाएगा, उनमें नागपुर, पुणे, सोलापुर, इंदौर, सागर, रायपुर, वाराणसी, पटना, उदयपुर जैसे शहर शामिल हैं।
Created On :   25 Oct 2017 5:57 PM GMT