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भारतनेट परियोजना : गांव-गांव तक इंटरनेट पहुंचाने नागपुर-औरंगाबाद में बनेगा सेंटर

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महानेट परियोजना को लागू करने के लिए आवश्यक सभी लाइसेंस एक साथ और एक समय पर देने और विभिन्न प्रकार के शुल्क भरने से छूट देने का फैसला राज्य मंत्रिमंडल ने लिया है। मंत्रिमंडल ने नागपुर और औरंगाबाद में लगभग 1200 वर्गफीट क्षेत्र में आपदा रिकवरी स्टेट नेटवर्क ऑपरेटिंग सेंटर और नई मुंबई में लगभग 2500 वर्गफिट क्षेत्र में स्टेट नेटवर्क ऑपरेटिंग सेंटर (एनओसी) बनाने की भी मंजूरी दी है।
महानेट परियोजना (भारत नेट फेज 2) के तहत राज्य की 13 हजार ग्राम पंचायतों को हाईस्पीड इंटरनेट कनेक्शन उपलब्ध कराया जाना है। परियोजना के तहत इंटरनेट कनेक्शन उपलब्ध कराए जाने वाले मार्ग के लिए पूर्व अनुमति लेने की छूट, मार्ग का अधिकार (आरओडब्ल्यू) शुल्क, प्रशासकीय और अन्य प्रकार की छूट, हवाई मार्ग के लिए एमएसडीसीएल, शहरी स्थानीय संस्था और ग्रामपंचायत के बिजली खंभे और मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता और उसके इस्तेमाल की अनुमति दी गई है। इस परियोजना को लागू करने के लिए महाराष्ट्र सरकार की कंपनी महाराष्ट्र सूचना प्रौद्योगिकी महामंडल (महाआईटी) और केंद्र सरकार के बीच 9 दिसंबर 2017 को सामंजस्य करार हुआ था।
डिजिटल गतिविधियों को बढ़ावा देने निर्माण नीति को मंजूरी
राज्य में दूरसंचार के बुनियादी ढांचे के निर्माण और देखभाल के लिए बनाए गए दूरसंचार बुनियादी ढांचा निर्माण नीति को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी। राज्य सरकार की इस नीति से डिजिटल गतिविधियों को गति मिल सकेगी। इस नीति को केंद्र सरकार की नीति के अनुरूप बनाया गया है। राज्य सरकार की इस नीति में जनधन-आधार-मोबाइल (जेएएम) त्रिसूत्रीय बिन्दुओं पर जोर दिया गया है। इस नीति के तहत आवश्यक सभी मंजूरी के लिए सिंगल विंडो पोर्टल की सुविधा सूचना प्रौद्योगिकी निदेशालय के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी। दूरसंचार के बुनियादी ढांचे के साथ ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने और देखभाल के लिए प्राप्त आवेदन पर 30 दिनों के भीतर सभी विभागों को फैसला लेना अनिवार्य होगा।
दवाई व चिकित्सा उपकरणों की खरीदी ऐसे होगी
प्रदेश सरकार के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग समेत अन्य विभागों में दवाई व चिकित्सा उपकरणों की खरीद हाफकिन बायो फार्मास्यूटिकल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के माध्यम करना अनिवार्य किया गया है। राज्य मंत्रिमंडल ने स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी आदेश में इस आशय के संशोधन को मंजूरी दी है। इस फैसले से दवाई और चिकित्सा उपकरण दर और मानक में एक समानता आएगी। साथ ही दर्जा और गुणवत्ता सुधारने में मदद होगी। इससे खर्च में भी बचत होगी।
नागपुर में जलापूर्ति योजना अब प्राधिकरण के पास
आयकर प्रदेश के जलापूर्ति व स्वच्छता मंत्री बबनराव लोणीकर ने नागपुर महानगर पालिका की नई जलापूर्ति योजना का काम महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण के पास स्थानांतरित करने का निर्देश दिया है। केंद्र सरकार के अटल अमृत अभियान के तहत नागपुर मनपा में नई जलापूर्ति योजना का काम शुरू किया गया है। मंगलवार को मंत्रालय में नागपुर मनपा की नई जलापूर्ति योजना के संबंध में मंत्री लोणीकर और नागपुर के पाललमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले की मौजूदगी में बैठक हुई।
लोणीकर ने कहा कि नागपुर शहर की नई जलापूर्ति योजना का काम महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण के पास सौंपने पर यह काम तेज गति से हो सकेगा। इसके लिए मनपा को महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण को निधि देनी पड़ेगा। उन्होंने महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण को टेंडर प्रक्रिया, तकनीकी मान्यता समेत सभी मंजूरी लेने और योजना का काम जल्द शुरू करने का निर्देश दिया। मंत्रालय में आयोजित बैठक में नागपुर की महापौर नंदा जिचकार, विधायक सुधाकरराव देशमुख, अनिल सोले, मिलिंद माने, सुधाकर कोहले, मनपा आयुक्त अश्विन मुद्गल, मुख्य अभियंता व उपसचिव चंद्रकांत गजभिये, महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण (नागपुर) के मुख्य अभियंता विजय जगतारे आदि मौजूद थे।
Created On :   30 Jan 2018 11:05 PM IST